रेप में आरोपित सपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रजापति एंव उनके दो साथियों- अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह एंव विकास वर्मा को विशेष अदालत ने जमानत दे दी। कोर्ट का माना है कि सहवास में महिला की मूक सहमति थी। अपर जिला जज ओम प्रकाश मिश्रा द्वितीय का कहना है कि पीड़िता ने 3 वर्ष से दुष्कर्म होने की बात कही है लेकिन उसने इस बीच इस मामले में अब तक कोई शिकायत पुलिस या संबधित अदालत से नहीं की। यह बात इशारा करती है कि सहवास के सम्बध में अभियुक्तों को पीड़िता कि शांत से सहमति दी थी। पीड़िता ने चित्रकूट में करवाई गई एफआईआर में रेप होने की बात नहीं कही थी। 18 फरवरी 2017 को एफआईआर में पीड़िता 3 वर्ष से रेप होने की बात कह रही है जो मानने का योग्य नहीं रखता है। कोर्ट ने पीड़िता एंव उसकी बेटी द्वारा पुलिस को दिए गए बयानों व कलमबंद बयानों में विरोधाभास होने की बात भी कही है। कोर्ट को माना हैं कि अभियुक्तों को दुर्भावनापूर्ण से फंसाया गया है, आरोपों की प्रथमदृष्टया पुष्टि न हो पाने के वजह से वे जमानत के हकदार हैं।