General Bipin Rawat passed away
देहरादून। General Bipin Rawat passed away सीडीएस जनरल बिपिन रावत की मौत की खबर से उत्तराखंड में शोक की लहर है। वे उत्तराखंड के पौड़ी जिले के द्वारीखाल ब्लॉक के सैंण गांव के मूल निवासी थे। उनकी पत्नी उत्तरकाशी जिले से थी। देहरादून में जनरल बिपिन रावत का घर बन रहा था।
जनरल बिपिन रावत थलसेना के प्रमुख रहे। रिटायरमेंट से एक दिन पहले बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बनाया गया था। उनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए थे।
जनरल बिपिन रावत जी एक निष्ठावान और राष्ट्र के लिए सदैव समर्पित रहने वाले सैन्य अधिकारी थे। देश के पहले Chief of Defence Staff के रूप में उन्होंने अभूतपूर्व कार्य किए। उनका आकस्मिक निधन भारत और विशेष रूप से उत्तराखंड के लिए एक अपूरणीय क्षति है। pic.twitter.com/edKPUeF0tB
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) December 8, 2021
रावत ने 11वीं गोरखा राइफल की पांचवीं बटालियन से 1978 में अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने देहरादून में कैंब्रियन हॉल स्कूल, शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल और भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से शिक्षा ली। आईएमए में उन्हें सर्वश्रेष्ठ स्वोर्ड ऑफ ऑनर सम्मान से भी नवाजा गया था।
उनकी मौत की खबर आने से राज्य में शोक की लहर व्याप्त है। इस दुखद खबर से राज्य में सन्नाटा पसर गया। उनका पैतृक गांव शोक में डूब गया। सीडीएस बिपिन रावत अधिक ऊंचाई वाले स्थान पर युद्ध और आतंकवाद विरोधी गतिविधियों की खासा जानकारी और अनुभव रखते थे।
उन्होंने पूर्वी सैक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर इंफेंट्री बटालियन की कमान संभाली। उन्होंने कश्मीर घाटी में राष्ट्रीय राइफल्स और एक इंफेंट्री डिविजन की कमान संभाली। जनरल रावत ने सेना मुख्यालय की सेना सचिव शाखा में भी महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। वे पूर्वी कमान मुख्यालय में मेजर जनरल, जनरल स्टाफ भी रहे।
उन्होंने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में चौप्टर-7 मिशन में बहुराष्ट्रीय ब्रिगेड की कमान संभाली। लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और हायर कमांड एंड नेशनल डिफेंस कॉलेज कोर्सेज के पूर्व छात्र थे। उन्हें वीरता और विशिष्ट सेवा के लिए पुरस्कृत भी किया गया, जिनमें यूवाईएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम, एसएम, वीएसएम, सीओएएस प्रशस्ति शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करते हुए उन्हें दो बार फोर्स कमांडर प्रशस्ति पुरस्कार प्राप्त हुए।
सीएम धामी ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया
देहरादून। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत नहीं रहे। उनके निधन से चारों ओर शोक की लहर है। तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलिकॉप्टर हादसे में उनकी, पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य अफसरों और सहयोगियों के साथ मौत हो गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेलीकाप्टर दुर्घटना में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत व अन्य अधिकारियों की आकस्मिक मृत्यु पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्माओं की शान्ति तथा शोक संतप्त परिजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जरनल रावत के आकस्मिक निधन को देश के लिए अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि देश की सुरक्षा के लिए जनरल रावत ने महान योगदान दिया है। देश की सीमाओं की सुरक्षा एवं देश की रक्षा के लिए उनके द्वारा लिये गये साहसिक निर्णयों एवं सैन्य बलों के मनोबल को सदैव ऊंचा बनाये रखने के लिए उनके द्वारा दिये गये योगदान को देश सदैव याद रखेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत की परवरिश उत्तराखण्ड के छोटे से गांव में हुई। वे अपनी विलक्षण प्रतिभा, परिश्रम तथा अदम्य साहस एवं शौर्य के बल पर सेना के सर्वाेच्च पद पर आसीन हुए तथा देश की सुरक्षा व्यवस्थाओं एवं भारतीय सेना को नई दिशा दी। उनके आकस्मिक निधन से उत्तराखण्ड को भी बड़ी क्षति हुई है। हम सबको अपने इस महान सपूत पर सदैव गर्व रहेगा।
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