स्मार्ट सिटी पोर्टल में सरकार के आदेश नहीं हो रहे अपडेट

Government orders are not getting updates

Government orders are not getting updates

देहरादून। Government orders are not getting updates उत्तराखण्ड में आने वाले लोगों को कोविड-19 के मानकों से अभी भी जूझना पड़ रहा है। सरकार के द्वारा अब सभी प्रतिबंध हटा लिए जाने के बाद भी दून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर तमाम कायदे कानून बता कर लोगों को असमंजस में डाला जा रहा है।

जिससे सवाल यह उठता है कि क्या स्मार्ट सिटी के पोर्टल में सरकार के नए आदेश अपडेट नहीं किए जा रहे हैं या फिर स्मार्ट सिटी पोर्टल संचालक अपनी मनमानी पर उतर आए हैं।

अनलॉक 4 में धीरे धीरे दी जा रही ढील के बाद प्रदेश में आने के नियमों को भी शिथिल किया गया है। इसके तहत अब उत्तराखण्ड में आने वालों के लिए अब कोई प्रतिबंध नहीं है। जो लोग हाइलोड शहरों से आ रहे हैं उनके लिए नियमों में अभी इतनी छूट नहीं है।

प्रदेश में आने वालों को भले ही सरकार ने छूट दे दी हो लेकिन स्मार्ट सिटी पोर्टल के अनुसार प्रदेश में आने वालों को क्वारंटाइन रहना ही होगा। क्वारंटाइन होने का नियम 1 सितंबर 2020 के आदेश के अनुसार पोर्टल द्वारा बताया जा रहा है जबकि सरकार की ओर से कुछ दिन पहले ही यह नियम खत्म कर दिया गया है।

ऐसे में प्रदेश में आने वाले लोगों में असमंजस का माहौल है कि आखिर वे करें तो क्या करें। पोर्टल के अनुसार वे प्रदेश में आते हैं तो क्वारंटाइन होना होगा और यदि नियमों का पालन नहीं करते हैं तो उन पर आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत मुकदमा किया जाएगा।

क्या स्मार्ट सिटी पोर्टल को मनमाने तरीके से चलाया जा रहा ?

यदि किसी व्यक्ति को दो या तीन दिन के लिए ही उत्तराखण्ड आना है तो वह क्वारंटाइन कैसे हो सकता है। ऐसे में तो उसे कम से कम सात दिन क्वारंटाइन होने के लिए ही चाहिए। अपने दो दिन के काम के लिए आने वाला व्यक्ति सात दिन क्वारंटाइन कैसे हो जाएगा?

इससे यह जाहिर होता है कि पोर्टल में सरकार के नये आदेशों को अपडेट ही नहीं किया गया है। तो क्या स्मार्ट सिटी पोर्टल को मनमाने तरीके से चलाया जा रहा है? जिसमें सरकार की ओर से सभी प्रतिबंधों को समाप्त करने के बाद भी जबरन क्वारंटाइन होने का नियम लोगों पर लादा जा रहा है।

इस तरह से केवल उत्तराखण्ड आने वाले लोगों को परेशान किया जा रहा है और इससे प्रदेश की छवि भी धूमिल हो रही है क्योंकि इस तरह के प्रकरण से सरकार और प्रशासन के बीच तालमेल की कमी नजर आ रही है।

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