Government will set new dimensions of development in Uttarakhand
देहरादून। Government will set new dimensions of development in Uttarakhand मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पद एवं गोपनीयता की शपथ लेने के बाद कहा कि उत्तराखंड के विकास के लिए कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। कहा कि 2025 में जब उत्तराखंड अपनी 25वीं वर्षगांठ बना रहा होगा तब विकास के कई कार्य पूरे हो चुके होंगे।
धामी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार उत्तराखंड में विकास के नए आयाम तय करेगी। चाहे रेल प्रोजेक्ट की बात हो या फिर ऑल वेदर रोड की बात हो, सभी निर्माण कार्य तय समय सीमा पर ही पूरे कर लिए जाएंगे।
धामी ने कहा कि प्रदेश में पलायन पर प्रहार करने के लिए भी ठोस रणनीति बनाकर कार्य किया जाएगा। उत्तराखंड के विशेषकर सीमावर्ती जिलों में मूलभूत सुविधाओं का विस्तार कर खाली हो चुके गांवों को दोबारा बसाया जाएगा। भरोसा दिलाया कि सरकारी विभागों में चल रहे रिक्त पदों को भरने के लिए भी विज्ञप्ति भी निकाली जाएंगी। उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में रोजगार उपलब्ध नहीं होने की वजह से युवाओं को अपना गांव छोड़कर मैदानी जिलों में आना पड़ता है।
चिंता की बात तब हो जाती है जब युवाओं को पड़ोसी राज्यों में रोजगार के लिए जाना पड़ता है। सीएम धामी ने कहा कि बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए हर कदम तक प्रयास किए जाएंगे। सरकारी विभागों में रिक्त चल रहे पदों को प्राथमिकता से भरा जाएगा। उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराना भी धामी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा। धामी ने कहा सरकारी स्कूलों में रिक्त चल रहे अध्यापकों के रिक्त पदों को भरा जाएगा।
बेसिक, जूनियर, माध्यमिक स्कूलों में टीचर्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। स्कूलों में मूलभूत बुनियादी सुविधाओं को पहले से ज्यादा सुदृढ़ किया जाएगा। उत्तराखंड के पड़ोसी राज्यों से समन्वय बनाकर अधिक से अधिक रोडवेज बसों का संचालन किया जाएगा। कहा कि प्रदेश के पर्वतीय जिलों में रोडवेज बसों की संख्या को यकीनन बढ़ाया जाएगा ताकि ग्रामीणों को किसी भी प्रकार की कोई असुविधा न हो।
रोडवेज को घाटे से उभारने के लिए भी कार्य किया जाएगा। उत्तराखंड में पेययल की समस्या बनी हई है। चिंता की बात है कि गर्मियों के दौरान पेयजल समस्या कई गुणा तक बढ़ जाती है। धामी ने भरोसा दिलाया कि पेयजल समस्या को दूर करने के लिए नई योजनाओं का भी शुभारंभ किया जाएगा। कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के लिए विशेषतौर से प्लान बनाकर पेयजल समस्या को दूर किया जाएगा।