धार्मिक मामलों के मंत्री सरदार यूसुफ का कहना है कि सरकारी योजना के तहत हज करने के लिए 5 साल के प्रतिबंध को बढ़ाकर 7 साल कर दिया है जबकि निजी कोटा में हज के लिए प्रतिबंध 5 वर्ष होगी।
इस्लामाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरदार मोहम्मद यूसुफ ने इस साल के लिए हज नीति की घोषणा करते हुए कहा कि इस साल सुप्रीम कोर्ट के फैसले को संज्ञान में लेते हुए विशेष समिति ने हज नीति बनाई है। बेहतर सुविधाएं देने की वजह से सरकारी योजना के तहत हज के इच्छुक लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है, यही कारण है कि पिछले साल 2 लाख 80 हजार हज के लिए अनुरोध आईं। उन्होंने कहा कि सरकारी हज योजना के तहत 17 अप्रैल से देश के 10 अनुसूचित बैंकों में हज आवेदन प्राप्त किए जाएंगे जबकि 28 अप्रैल को ड्राॅ निकाला जायेग। हज के इच्छुक व्यक्तियों के लिए मशीन रीडेबल पासपोर्ट और चिकित्सा प्रमाण पत्र अनिवार्य होगा।
मंत्री का कहना था कि पाकिस्तान के लिए हज यात्रियों का पुराना कोटा बहाल हो गया है, जिसके तहत एक लाख 79 हजार पाकिस्तानी हज भुगतान के लिए हज के लिए रवाना होंगे। इस साल 60 प्रतिशत हज यात्री आधिकारिक जबकि 40 प्रतिशत निजी कोटे पर हज अदा करेंगे। सरकारी कोटा में 107526 जबकि निजी कोटा में 71684 लोग हज करेंगे, सरकारी योजना के तहत 5 साल की पाबंदी को बढ़ाकर 7 साल कर दिया है जबकि निजी कोटा में हज के लिए प्रतिबंध 5 वर्ष होगी, कोई व्यक्ति मुफ्त में हज नहीं कर सकेगा, हार्ड जहाज कोटा 3 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत कर दिया गया है।
सरदार यूसुफ ने कहा कि सरकारी योजना के तहत देश के उत्तरी क्षेत्र से संबंध रखने वाले हज यात्री के लिए हज का खर्च 2 लाख 80 हजार जबकि दक्षिणी क्षेत्र के लिए 2 लाख 70 हजार रुपये होंगे, 50 प्रतिशत हज यात्री मदीना और 50 प्रतिशत मक्का जायेंगे, हज यात्रियों को मक्का में अजजीय और मदीना में मरकज में ठहराया जाएगा, सभी हाजियों को निर्धारित एयरलाईन् द्वारा ही सऊदी अरब पहुंचाया जाएगा।