Harish Rawat did a silent fast
देहरादून। Harish Rawat did a silent fast पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इन दिनों युवाओं की मांगों के लेकर संघर्षरत है। गुरुवार को उन्होंने अपने देहरादून स्थित आवास पर बेरोजगारी को लेकर एक घंटे मौन व्रत रखा। हरीश रावत ने इससे पहले स्टाफ नर्स भर्ती प्रक्रिया में रखी गई।
कड़ी शर्तों को लेकर सरकार से वैकल्पिक रास्ता निकालने का आग्रह किया था। इस बार उन्होंने सरकारी विभागों में रिक्त पड़े हुए पदों पर आवेदन करने के इच्छुक बेरोजगारों की आयु सीमा बढ़ाने की मांग की है। पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि सरकार की रोजगार विरोधी नीति के कारण बीते चार सालों से सरकारी पदों पर भर्ती नहीं निकली है।
सरकारी विभागों में कर्मचारियों और अधिकारियों के पद खाली चल रहे हैं। शिक्षा विभाग हो या फिर अन्य विभाग इससे कई बेरोजगार की उम्र ज्यादा हो गई है। ऐसे युवाओं के पास शैक्षिक योग्यता तो है मगर उनके हाथ से यह अवसर निकल रहा है। ऐसे में जब सरकार रिक्त पदों की विज्ञप्ति जारी कर रही है तो वह अपनी उम्र तलाश रहे हैं।
मैंने कल घोषणा की थी कि मैं ऐसे बच्चे जो सरकार की रोजगार विरोधी नीति के कारण क्योंकि आपने पिछले 4 वर्षों के अन्दर भर्तियां की ही नहीं, सरकारी विभागों में पद खाली रहे और चाहे वो शिक्षा से संबंधित हो या दूसरे विभागों से संबंधित हो, वह बच्चे सब ओवर ऐज हो गये हैं, शैक्षिक योग्यता है pic.twitter.com/dVdlGnUFf6
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) January 7, 2021
मगर उन युवाओं के अब उम्र निकल चुकी है, जिससे इन युवाओं में बड़ी निराशा है। हरीश रावत ने मांग करते हुए कहा कि ऐसे युवाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए आवेदन के लिए सरकार को कम से कम चार साल और उम्र बढ़ानी चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है।
यहां तक की कमजोर वर्ग से आने वाले बच्चों के लिए उम्र बढ़ाई जाती है। लेकिन कुछ विभागों में उनके लिए भी उम्र नहीं बढ़ाई गई है। इसके विरोध में उन्होंने दोबार मौन व्रत रखा है।
हरीश रावत ने यह भी कहा कि वह सरकार से आग्रह कर रहे हैं, बल्कि किसी के विरोध में नहीं हैं। बच्चों के भविष्य को देखते हुए सरकार को आयु सीमा में राहत देते हुए 4 साल और बढ़ा कर उनको रोजगार के अवसर देने चाहिए, ताकि वह आवेदन कर सकें।
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