सलेकान वैली। गूगल की नई गुप्त ऑपरेटिंग सिस्टम ‘‘फुशिया ’’ का विवरण सामने आ गया हैं जिनसे पता चलता है कि भविष्य में यह ऐंडरोईड और क्रोम ऑपरेटिंग सिस्टम की जगह लेगा जबकि यह स्मार्टफोन, टेबलेट, लैपटॉप और डेस्कटॉप कंप्यूटर पर समान सुविधा स्थापित एवं इस्तेमाल किया जा सकेगा।
फुशिया ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में सबसे पहले खबर अगस्त 2016 में आई थीं और इस समय यह केवल कमांड लाइन शामिल था लेकिन कुछ ही महीनों के समय में गूगल ने उस पर तेजी से काम आगे बढ़ाया और अब इसका प्रोटोटाइप तैयार कर लिया गया है, जो जाहिर तौर पर स्मार्टफोन और टैबलेट के लिए है।
इंटरनेट पर फुशिया ऑपरेटिंग सिस्टम हाल ही में जारी की गई नई तस्वीरों, स्क्रीन शॉट्स और तकनीकी विवरण से पता चलता है कि गूगल बहुभाषी ‘‘जी बोर्ड’’ इसका डिफॉल्ट कुंजीपटल होगा, डिवाइस स्क्रीन पर एक साथ तीन से चार ऐप्स खोला जा सकेगा, उपयोगकर्ता प्रोफाइल पिक्चर इस होमपेज पर दिखाई देगा जब कि यूजर इंटरफेस ‘‘आरमाडीलो’’ का नाम दिया गया है। फुशिया होम स्क्रीन भी 2 भागों में विभाजित की जा सकेगी लेकिन इस बात का निर्णय उपभोक्ताअ अपनी मर्जी से कर सकेंगे।
कंप्यूटर हार्डवेयर और स्मार्टफोन के विशेषज्ञों का कहना है कि ‘‘फुशिया’’ के साथ ही गूगल ने विश्वप्रसिद्ध ‘लिनक्स’ पर निर्भर समाप्त करने का निर्णय लिया है क्योंकि यह नया ऑपरेटिंग सिस्टम ‘‘मैजेंटा’ माईकरोकरनल से लाभ करता जो लिनक्स कर्नल से बिल्कुल अलग है। किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम में ‘‘कर्नल’’ वह कुंजी कार्यक्रम होता है जिसके बिना वे काम नहीं कर सकता।
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तकनीकी विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि फुशिया को बतौर विशेष शक्तिशाली माईकरो प्रोसेसरज वाले नए टेबलेट, स्मार्टफोन और कंप्यूटर के लिये तैयार की जा रही है। पहले गूगल डेवेलपर इस बात पर शिकायत करते रहे हैं कि ऐंडरोईड खासा जटिल है जिस पर काम करने में उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है लेकिन शायद फुशिया अपने सरल और संगठित डिजाइन के बदौलत डेवेलपरज को भी बेहतर साबित हो सकता है।