हाईकोर्ट ने बढ़ाई सरकार की चिंता

High Court increased the concern of government

High Court increased the concern of government

उत्तराखंड में लोकायुक्त के नियुक्ति को 3 माह की डेडलाइन तय

देहरादून। High Court increased the concern of government उत्तराखंड में लोकायुक्त के नियुक्ति का मामला सुर्खियों में आ गया है। साल 2013 से ही लोकायुक्त का पद खाली चल रही है। ऐसे में लगातार सवाल उठ रहा था कि आखिर कब लोकायुक्त की नियुक्ति होगी? भले ही लोकायुक्त की नियुक्त न हो, इसके बावजूद कार्यालय पर होने वाला खर्च बढ़ता ही जा रहा है। जिस पर नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है।

हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में उत्तराखंड सरकार को 3 महीने के भीतर लोकायुक्त नियुक्त करने के आदेश दिए हैं। जिससे सूबे में सियासत गरमा गई है। दरअसल, नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में याचिका पर सुनवाई कर उत्तराखंड में लोकायुक्त नियुक्त करने के आदेश दिए।

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से अगले 6 महीने के लिए मांगे गए समय की मांग को भी खारिज कर दिया। इतना ही नहीं इस बात के भी निर्देश दिए गए हैं कि जब तक लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं हो जाती है, तब तक कार्यालय के किसी भी कर्मचारी को वेतन भुगतान ना दिया जाए।

नैनीताल हाईकोर्ट की ओर से राज्य सरकार को दिए गए निर्देश के बाद बीजेपी सरकार की चिंताएं बढ़ गई हैं तो वहीं विपक्षी दल कांग्रेस को उम्मीद जगी है कि अब राज्य सरकार को हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करना होगा।

जल्द से जल्द लोकायुक्त की नियुक्ति होगी

लिहाजा, तय डेडलाइन के भीतर लोकायुक्त की नियुक्ति हो जाएगी। इसके साथ ही सियासत भी गरमा गई है। लोकायुक्त नियुक्त करने के तीन महीने की डेडलाइन पर कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि ये सरकार सदन में घोषणा करने के बावजूद लोकायुक्त नहीं बना पाई, लेकिन अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद आस जगी है कि जल्द से जल्द लोकायुक्त की नियुक्ति होगी।

वहीं, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि लोकायुक्त नियुक्ति को लेकर विधानसभा में चर्चा हुई थी, लेकिन इसका ढांचा बनाने में कुछ दिक्कतें हो रही थी। जिसके चलते हाईकोर्ट से समय मांगा था, लेकिन अब कोर्ट का निर्णय आ गया है तो उसका पालन करना सरकार का नैतिक कर्तव्य होता है।

बता दें कि साल 2002 में पहली निर्वाचित सरकार में ही लोकायुक्त का गठन किया गया था। उस दौरान जस्टिस एचएसए रजा को लोकायुक्त नियुक्त किया गया था। फिर साल 2008 में जस्टिस एमएम घिल्डियाल को लोकायुक्त बनाया गया, लेकिन साल 2013 के बाद से प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं हुई।

जिसके चलते हल्द्वानी निवासी रवि शंकर जोशी ने लोकायुक्त के नियुक्ति को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हालांकि, इस मामले पर कई बार हाईकोर्ट में सुनवाई हो चुकी है तो वहीं अब नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए 3 महीने के भीतर लोकायुक्त नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं।

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