जानिए Hitler को मरने से पहले किस बात का डर था
नाजीवाद का जनक हिटलर ईसाई था। जिसने यह यहूदियों को खतरनाक यातनाएं दी थी, गैस के चेंबर में बंद करके उनको मौत दी थी, लेकिन इस निरंकुशवाद शासक की ऐसी मौत होगी यह कोई नहीं जानता था। Hitler ने मरने से पहले एक वाक्य बोला था- “मेरी लाश को दफनाना मत जला देना”। आखिर हिटलर ने इसाई होते हुए भी ऐसा क्यों कहा? बता दे हिटलर ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या की थी और उसके बगल में उसकी पत्नी इवा भी मरी हुई मिली थी।
आज हम आपको हिटलर की मौत का सच बताएंगे और हम बताएंगे कि क्यों हिटलर ने खुद को जलाने के लिए कहा। हिटलर ने खुदको जलवाने की अंतिम इच्छा नहीं थी बल्कि डर था कि कहीं उसकी लाश को कब्र से खोदकर ना निकाल लिया जाए और उसकी लाश पर लोगो पर हुए अत्याचारों का बदला ना लिया जाए। मुसोलिनी इटली में सरेआम फांसी पर लटकाया गया था। इसे देखकर हिटलर खुद की लाश के साथ अत्याचार नहीं चाहता था।
Hitler की मौत के वक्त मौजूद था शख्स जिसने बताई सारी कहानी
आज के दिन ही 30 अप्रैल 1945 में हिटलर मरा था। इसी दिन उसने आत्महत्या की थी। हिटलर ने अपने बंद करके स्टडी रूम में खुद को गोली मार ली थी। उसकी पत्नी इवा भी उसके पास मरी पाई गई थी। उस रोज उस बंकर में क्या हु ? क्यों औऱ कैसे हुआ? इसकी कई कहानियां है, जिनमें से एक हम आपको सुना रहे हैं। यह कहानी हिटलर के एक बॉडीगार्ड रोशस मिस्क ने बताई थी, वह भी अपनी किताब के जरिए।
इस किताब का नाम था -हिटलर लास्ट विटनेस: द मेमोईस ऑफ हिटलर्स बॉडीगार्ड। यह किताब सबके सामने 2013 में तब आई जब 96 वर्ष की उम्र में यह बॉडीगार्ड 2013 में ही मर गया। इसी से लिए गए कुछ हिस्से आज हम आपको बताने जा रहे हैं उल्लेख है कि जिनमे हिटलर के अंतिम पलों में क्या हुआ था? रोशस हिटलर के साथ 5 साल रहा था। हिटलर की आखिरी सांस तक वहीं था। हिटलर को कई फोन आते थे, तो रोशस समित बॉडीगार्ड फोन उठाने की ड्यूटी करते थे।
इस दिन पर ही टिकी थी Hitler की आखिरी उम्मीद
सोवियत ने बर्लिन को चारों तरफ से घेर लिया था और पूरी तरह नाकाबंदी कर दी थी। जर्मनी इसमें बुरी तरह फंस गया था। जब सोवियत सेना आगे बढ़ने लगी और हिटलर को हार का अंदेशा हो गया तो उसने खुद को अपने इस बंकर में बंद कर लिया। हिटलर का कहना था कि रेड आर्मी यानि सोवियत सेना के मोर्चे पर उसे तोड़ने की कोशिश करो। यह हिटलर की अंतिम आशा थी।
जर्मनी की हार हुई पक्की
जर्मनी सेना अफसर जनरल कीटेन ने फोन किया। हिटलर ने रोशस से फोन छीनकर सुना। अफसर ने बुरी खबर सुनाई कि सोवियत सेना को तोड़ने की आखिरी कोशिश नाकाम हो गई है। जर्मनी की हार निश्चित देखकर हिटलर ने नाजी पार्टी और भरोसेमंद कुछ सदस्यों के साथ मीटिंग रखी दबी जुबान में कुछ बातें की, फिर वह अपने स्टडी रूम की तरफ चल पड़ा।
उसकी नई दुल्हन इवा उसके साथ ही चल पड़ी। हिटलर के पास दो ही रास्ते बचे थे – घुटने टेक देना या फिर मर जाना। हिटलर जानता था कि अगर वह जिंदा रहता तो उसके दुश्मन उसे वही यातनाएं देते जो उसने दी थी। इसलिए उसने आज के दिन अपनी पत्नी के साथ आत्महत्या कर ली।