देहरादून के अस्पताल में धड़ल्ले से हो रहा अवैध तरीके से डीएनसी का कार्य, वीडियो वायरल

Illegal act of DNC in Keshav hospital

Illegal act of DNC in Keshav hospital

देहरादून। Illegal act of DNC in Keshav hospital एक वीडियों वायरल हो रही है और उसमें दावा किया जा रहा है कि केशव अस्पातल में अवैध तरीके से डीएनसी (Dilation and Curettage) का कार्य धड़ल्ले से हो रहा है। और खबर यह भी है कि जिस महिला का डीएनसी किया जाता है उसका नाम व पते का रजिस्टर मैंटेन भी नहीं किया जाता।

साथ ही डीएनसी के समय पीआई यानि पुलिस को जानकारी देना जरूरी होता है जो नहीं दिया गया। साथ ही ऑपरेशन वार्ड में पुरूष कर्मचारी का जान मना होता है लेकिन वीडियो में दिख रहा है कि डीएनसी के समय पुरूष कर्मचारी वहां उपस्थित था जो पूरी तरह से नियम के खिलाफ है। साथ ही महिला की प्रावेसी के साथ खिलवाड़ है।

अब सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसी क्या वजह है कि नियमों को ताक पर रख करके केशव अस्पताल प्रशासन डीएनसी का कार्य कर रही है। यह एक जांच का विषय है। और स्वास्थ्य विभाग को इसकी जांच करनी चाहिए, साथ ही अस्पताल प्रशासन के अवैध गतिविधियों की भी जांच करनी चाहिए।

वहीं जब हमने केशव अस्पताल की गाइनो डाॅ. अनुभा तिवारी से इस विषय में जानकारी लेनी चाही, तो उन्होंने खुद कुछ न बोल करके अस्पताल के चेयरमैन आलम से बात कराई, उनका कहना है कि हमारे यहां डीएनसी का कार्य नहीं होता है।

अब सवाल यह है कि या तो यह वीडियो झूठा है या अस्पताल प्रशासन झूठ बोल रहा है। और अगर अस्पताल प्रशासन झूठ बोल रहा है तो क्यो झूठ बोल रहा है।

वीडियों की सत्यता की तरफ देखा जाये और अगर वीडियो से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है तो देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखण्ड की अस्थाई राजधानी देहरादून के लिए यह बहुत बड़ा कलंक है। पूर्व में भी इस अस्पताल पर आसंवैधानिक तरीके से आबोर्सन करने के आरोप लगते रहे हैं।

सूत्रों की माने तो ऐसे अस्पतालों में मरीजों का भर्ती होना भी अपने आप में बहुत बड़ा सवाल है क्योंकि ऐसे अस्पतालों में ओपीडी में कोई भी डाॅक्टर नहीं बैठते हैं और मरीजों को जोर जबरदस्ती कर व बहला फुस्लाकर अस्पतालों में भर्ती किया जाता है और उनसे मोटी रकम वसूली जाती है। इसमें चर्चाओं का बाजार यह भी गर्म है कि मरीजों को एम्बूलेंस संचालको व सरकारी अस्पतालों से खरीदा जाता है।

यह है वह वीडियो

आपको बताते चले कि डीएनसी करना काफी जोखिम भरा और संवेदनशील होता है। इसमें कम से कम दो कुशल गाईनाॅलोजिस्ट डाॅक्टर के निगरानी में किया जाता है। इसका संबंध महिला स्वास्थ से हैं, डीएंडसी को मुख्य रूप से गर्भाशय की समस्या का समाधान करने के लिए किया जाता है। इसे आम भाषा में गर्भाशय की सफाई के नाम से भी जाना जाता है।

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