India Alliance reached Raj Bhavan
प्रशासन की चूक से हुई हिंसा, डीएम-एसएसपी को हटाने की मांग
न्यायिक जांच हाईकोर्ट के सेवारत न्यायाधीश से कराए जाने की मांग
देहरादून। India Alliance reached Raj Bhavan नैनीताल जनपद के हल्द्वानी में विगत 8 फरवरी को हुई घटना को लेकर इंडिया एलाइंस के घटक दलों और सिविल सोसाइटी से जुड़े लोगों ने शनिवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से मुलाकात कर हल्द्वानी हिंसा की न्यायिक जांच कराई जाने को लेकर ज्ञापन सौंपा।
माहरा ने नैनीताल के जिलाधिकारी और एसएसपी को तत्काल निलंबित करते हुए पद से हटाए जाने की मांग उठाई है। माहरा ने शासन-प्रशासन की तरफ से एनएसए लगाए जाने के फैसले को जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया है। माहरा ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इंडिया गठबंधन और सिविल सोसाइटी ने हल्द्वानी हिंसा की कठोर शब्दों में निंदा की।
आज इंडिया गठबंधन एवं सिविल सोसाइटी के साथियों ने उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष @KaranMahara_INC जी के नेतृत्व में महामहिम राज्यपाल से मुलाकात कर हल्द्वानी के वनभूलपुरा इलाके में उत्पन्न हुए हालातो पर चिंता व्यक्त करते हुए हस्तक्षेप करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।… pic.twitter.com/0LhtuATp5r
— Uttarakhand Congress (@INCUttarakhand) February 10, 2024
करन माहरा का कहना है कि उत्तराखंड के इतिहास में इस तरह की पहली घटना हुई है, ऐसे में अचानक इतने बड़े पैमाने में हिंसा का फैलना और हिंसा के कारणों की वजह से उत्पन्न हुई स्थिति की स्वतंत्रता और निष्पक्ष जांच की जरूरत है। उन्होंने इस घटना की न्यायिक जांच हाईकोर्ट के सेवारत या फिर सेवानिवृत्ति न्यायाधीश से कराए जाने की मांग की।
माहरा का कहना है कि इस तरह का नैरेटिव फैलाने की कोशिश की जा रही है कि यह दो समुदायों के बीच का झगड़ा है, जबकि हकीकत है कि यह प्रशासन वर्सेस पब्लिक का झगड़ा है। प्रशासन की भारी चूक की वजह से हल्द्वानी में इस तरह के हालात बने, उन्होंने अतिक्रमण हटाने गए प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के लिए शाम का वक्त चुना, ऐसे में शाम 4 बजे प्रशासन ने कार्रवाई करने की जल्दबाजी क्यों की।
अतिक्रमण हटाओ अभियान के नाम पर पिछले एक साल से चल रही कार्यवाहियां गंभीर सवालों के घेरे में हैं। बिना नोटिस के कार्यवाही से लेकर पक्षपातपूर्ण और गैर कानूनी कार्यवाही तक की घटनाएँ सामने आई हैं। जिस प्रकरण में हल्द्वानी में हिंसा हुई है, वह मामला उच्च न्यायलय में विचाराधीन है और उसकी अगली तारिख 14 फरवरी 2024 को है, इसके बावजूद ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की कोशिश हुई।
इस तरह की निरंकुश कार्यवाही पर रोक लगनी चाहिए। किसी भी कार्यवाही को करते हुए पुनर्वास, नोटिस, सुनवाई और संवेदनशीलता का ध्यान रखा जाना चाहिए। किसी भी निर्दाेष को बेघर नहीं किया जाना चाहिए। भीषण हिंसा की इस घटना से निपटने के नाम पर भीषण पुलिसिया प्रतिहिंसा नहीं होनी चाहिए।
इस घटना से निपटने के नाम पर होने वाली हर कार्यवाही कानून और संविधान के दायरे के अंदर होनी चाहिए। आपसे निवेदन है कि राज्य सरकार और प्रशासन को निर्देशित करें कि उनकी कोई भी कार्यवाही संविधान और कानून के दायरे में ही हो। उन्होंने एलआईयू और पुलिस का फेलियर बताते हुए कहा कि समय पर खुफिया जानकारी देने में स्थानीय अभिसूचना इकाई और पुलिस फेल साबित हुई।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने राज्यपाल से मुलाकात करते हुए ग्राउंड जीरो की परिस्थितियों से अवगत कराया। गौरतलब है कि करन माहरा बीते रोज हल्द्वानी पहुंचे थे और स्थिति का जायजा लिया था, उन्होंने ग्राउंड जीरो की स्थितियों से राज्यपाल को रूबरू कराया है। इस मौके पर एसएन सचान, रवि चौपड़ा, समर भण्डारी, त्रिलोचन भट्ट, राजेंद्र नेगी, मथुरा दत्त जोशी, गरिमा महरा दसौनी, लाल चंद शर्मा, याकूब सिद्दीकी, इंद्रेश मेखूरी, रविंद्र आनन्द व गोगी आदि मौजूद रहे।
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