दम्पति निःसंतानता उपचार अपनाने से संकोच न करें : मेयर उनियाल

Indira IVF celebrates 4th foundation day
पत्रकारों से वार्ता के दौरान मेयर व अन्य।

Indira IVF celebrates 4th foundation day

इन्दिरा आईवीएफ देहरादून ने मनाया चौथा स्थापना दिवस

देहरादून। Indira IVF celebrates 4th foundation day निःसंतानता भारत की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में शामिल हो गयी है देश में कम उम्र के महिला-पुरूष भी इससे प्रभावित हो रहे हैं लेकिन सुकून की बात यह है कि इसका उपचार आईवीएफ जैसी तकनीक के रूप में उपलब्ध है।

निःसंतानता के उपचार के क्षेत्र में प्रतिष्ठित नाम इन्दिरा आईवीएफ के देहरादून केंद्र ने शुक्रवार को अपना चौथा स्थापना दिवस समारोहपूर्वक मनाया। 2017 में सेंटर का शुभारंभ किया गया था, तब से अभी तक कई दम्पती उपचार प्राप्त करके लाभान्वित हो चुके हैं।

इस अवसर पर इन्दिरा आईवीएफ ग्रुप के देशभर में 100 सेंटर पूरे होने का जश्न भी मनाया गया, जिसमें देहरादून के महापौर सुनील उनियाल और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज उप्रेती ने शिरकत करते हुए दम्पतियों और स्टाफ का उत्साहवर्धन किया।

स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के रूप में एक उद्देश्य के साथ संचालित इन्दिरा आईवीएफ ग्रुप भारत के दूरदराज के क्षेत्रों में भी निःसंतानता के उपचार को सुलभ बनाकर गर्व महसूस करता है। 2011 में शुरूआत के बाद देशभर में 101 केंद्रों के साथ 90,000 से अधिक सफल आईवीएफ प्रेगनेंसीज़ हासिल करते हुए आज देश में सबसे बड़ी और भरोसेमंद फर्टिलिटी श्रृंखला है।

इस अवसर पर बधाई देते हुए मेयर सुनील उनियाल ने कहा कि “इन्दिरा आईवीएफ देहरादून की टीम द्वारा निःसंतानता के उपचार के लिए किये जा रहे कार्य उत्कृष्ट है। किसी भी दम्पती के लिए अपनी गोद में खुद की संतान होने की खुशी अद्वितीय होती है और इतनी सफल आईवीएफ साइकिल्स इस बात का प्रमाण हैं कि यहां की टीम निःसंतान दम्पतियों की मदद करने में सक्षम रही है।

महिलाओं को निःसंतानता का जिम्मेदार ठहराया जाता है

निःसंतानता के बारे में अभी भी व्यापक रूप से गलत सूचनाएं और धारणाएं व्याप्त हैं, मैं, आज इस अवसर पर यह कहना चाहूंगा कि इसका चिकित्सकीय रूप से सफल उपचार मौजूद हैं। उपचार करवाने से संकोच करने के बजाय दंपत्तियों को इन्दिरा आईवीएफ जैसे विश्वसनीय उपचार प्रदाताओं से ईलाज करवाकर परिवार को पूरा करना चाहिए।”

देहरादून के दम्पतियों और इन्दिरा आईवीएफ टीम को बधाई देते हुए इन्दिरा आईवीएफ के सीईओ और सह-संस्थापक, डॉ.क्षितिज मुर्डिया ने कहा कि “भारत में फर्टिलिटी उपचार से संबंधित जागरूकता काफी सीमित है इस कारण गर्भधारण में विफल होने पर आमतौर पर महिलाओं को निःसंतानता का जिम्मेदार ठहराया जाता है।

यह समझना महत्वपूर्ण है कि निःसंतानता के लिए महिला-पुरूष दोनो में से कोई भी या दोनों भी जिम्मेदार हो सकते हैं। निःसंतानता से जुड़ी भ्रान्तियों को दूर करना और जागरूकता फैलाना हमारा मुख्य ध्येय है, हम भारत में अपने 101 केंद्रों के माध्यम से जागरूकता फैलाने में कामयाब रहे हैं इसी तरह हम उत्तराखंड में भी अधिक से अधिक स्थानों पर दम्पतियों को संतान सुख देने के लिए उच्चस्तरीय उपचार उपलब्ध करवाने का प्रयास जारी रखेंगे।

इस अवसर पर बोलते हुए इन्दिरा आईवीएफ देहरादून की सेंटर हेड डॉ. रीमा सिरकार ने कहा, “हमने 15 अक्टूबर, 2017 को देहरादून सेंटर की शुरुआत की, जो एक बड़े उद्देश्य की दिशा में सकारात्मक पहल थी। इन्दिरा आईवीएफ देहरादून की टीम निःसंतानता के समाधान की तलाश करने वाले दम्पतियों की मदद करने और उन्हें संतान सुख की राह दिखाने के लिए दृढ़ संकल्पित है।”

अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ इन्दिरा आईवीएफ अनगिनत दम्पतियों को निःसंतानता की जटिल यात्रा को नेविगेट करने और परिवार पूरा करने के सपने को साकार करने में मदद कर रहा है। यहां अंडाणु और शुक्राणु की फ्रिजिंग के लिए परामर्श और सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं जो कई युवा पुरुषों और महिलाओं के लिए एक वरदान साबित हो रही हैं, जो फैमिली प्लानिंग को शुरुआती फोर्टिज़ तक डिले करना चाहते हैं।

जरा इसे भी पढ़े

शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचा गांव, उमड़ा जनसैलाब
हरक को झटकाः पूर्व सचिव के खिलाफ चार्जशीट
कांग्रेस में वापसी के बाद भी बाजपुर से ही चुनाव लड़ेंगे यशपाल आर्य