International poet Afzal Manglori honoured in Delhi
जश्ने ‘अफजल मंगलोरी’ में शामिल हुए बुद्धिजीवी, शिक्षाविद् व सामाजिक कार्यकर्ता
हिन्दी वालों ने उर्दू को परवान चढ़ायाः प्रोफेसर अख्तर उल वासे
देहरादून। International poet Afzal Manglori honoured in Delhi उत्तराखण्ड उर्दू अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष व अंतर्राष्ट्रीय शायर अफ़ज़ल मंगलोरी को उनकी रचनाओ, उर्दू साहित्य के उत्थान में उल्लेखनीय योगदान देने और सूफी परंपरा को आगे बढ़ाने के लिये दिल्ली में सम्मानित किया गया। नई दिल्ली के मयूर विहार स्थित रिवरसाइड स्पोर्ट्स क्लब में उर्दू हिन्दी अदबी संगम संस्था की और से आयोजित जश्ने ‘अफजल मंगलोरी’ में बुद्धिजीवी, शिक्षाविद् व सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए, इस मौके पर एक काव्य गोष्ठी का भी आयोजन किया गया।
पदमश्री प्रोफेसर अख्तर उल वासे ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हिन्दी नाम वाले साहित्यकारों ने उर्दू अदब को फरोग दिया है, भाषा वर्ग, समाज और सीमाओं की मोहताज नही होती। बुद्धिजीवी, शिक्षाविद्, आलोचक और सामाजिक कार्यकर्ता प्रोफेसर अख्तर उल वासे ने कहा कि अफ़ज़ल मंगलोरी का बहुमुखी व्यक्तित्व हर आयाम में अपनी विशिष्ट और अनूठी पहचान रखता है।
उन्होंने कविता की कला को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने में भी महान उपलब्धि हासिल की। कई बच्चों को उच्च शिक्षा देकर समाज और देश की सेवा के लिये प्रेरित किया और सूफी परंपरा को आगे बढ़ाने में उनकी उपलब्धियां अनुकरणीय हैं। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त नई दिल्ली आदेश त्यागी ने अफ़ज़ल मंगलोरी की साहित्यिक, सामाजिक रहस्यवादी व पत्रकारीय सेवाओं को उल्लेखित किया।
मुख्य अथिति प्रयाग आईएएस अकादमी देहरादून के निदेशक आर ए खान ने कहा कि अफ़ज़ल मंगलोरी ने अपना जीवन साहित्यिक सेवाओं के लिए समर्पित कर दिया है। उर्दू हिन्दी अदबी संगम संस्था के अध्यक्ष और मकहता आंचल-हुमा के लंबे समय तक सम्पादक रहे तालिब रामपुरी ने कहा कि अफ़ज़ल मंगलोरी बचपन से ही संगीत की दुनिया में एक सितारे की तरह चमकते रहे और आधी सदी से अपनी चमक बरकरार रखे हुए हैं।
मोईन शादाब ने अफ़ज़ल मंगलौरी के व्यक्तित्व के बारे में कहा कि अफ़ज़ल मंगलोरी को शायरी और सूफीवाद अपने पिता से विरासत में मिला। उनके पिता के हजारों शिष्य थे और अफ़ज़ल के शिष्यों की संख्या भी हजारों में पहुंच गई है। वह एक उच्च स्तरीय शिक्षक और शायर हैं और उन्होंने सामाजिक सेवाओं के माध्यम से लोगों के दिलों पर अपनी छाप छोड़ी है।
इस अवसर पर उर्दू हिन्दी अदबी संगम की सपना एहसास व हशमत भारद्वाज और सभी सदस्यों और पदाधिकारियों ने अफ़ज़ल मंगलूरी को उनकी साहित्यिक और अन्य सेवाओं के सम्मान में मोमेंटो, शॉल और फूल पहनाकर उनका सम्मान किया। विश्वविख्यात कवि, शिक्षक व शायर प्रो. अफ़ज़ल मंगलोरी के सम्मान समारोह में देश के प्रतिष्ठित बुद्धिजीवियों, कवियों, लेखकों व पत्रकारों ने उनकी साहित्यिक, सामाजिक रहस्यवादी व पत्रकारीय सेवाओं पर प्रकाश डाला।
इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एम. रईस फारूकी, फ़ौज़िया अफ़ज़ाल, इकबाल फिरदोसी, नईम नजमी रामपुरी, शाकिर देहलवी, अरशद नदीम, सुरेंद्र शजर, नासिर अजीज, मुनीर हमदम, शफी अय्यूब, हबीब सैफी, साहिर, राजीव रियाज़, असलम जावेद, गौल्डी गीतकार, प्रखर पुंज व राहुल झा आदि मौजूद रहे।
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