हर साल सड़क हादसों में 1 लाख 45 हजार लोगों की मौत होती है

IRTE
IRTE के साथ मिलकर रोड टु सेफ्टी कैपिसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम शुरू

देहरादून। डियाजिओ इंडिया ने आज इंस्टीट्यूट आॅफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन ( IRTE ) के साथ मिलकर उत्तराखंड पुलिस के लिए रोड टु सेफ्टी कैपिसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम को शुरू करने की घोषणा की है। अशोक कुमार, अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (एडीजी) कानून और व्यवस्था, उत्तराखंड,  निवेदिता कुकरेती, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) देहरादून, पुष्पक ज्योति, पुलिस उपमहानिरीक्षक गढ़वाल प्रभाग, केवल खुराना पुलिस महानिरीक्षक (डीआईजी) यातायात, लोकेश्वर सिंह, पुलिस अधीक्षक यातायात की मौजूदगी में कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया।

इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि भारत में सड़क हादसों में 1 लाख 45 हजार लोगों की मौत हर साल होती है। विश्व स्तर पर होने वाले हादसों में से 12.5 फीसदी हादसे भारत में होते है। यहां हर 4 मिनट में एक सड़क दुर्घटना होती है। 2015 में सड़क हादसों में दम तोड़ने वाले 15 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के थे। यह अनुमान लगाया जाता है कि 1.5 फीसदी सड़क हादसे और 4.6 फीसदी लोगों की मौतें शराब पीकर गाड़ी चलाने की वजह से होती हैं।

राज्य में सड़क हादसों में 940 से ज्यादा लोगों की मौत

2017 में उत्तराखंड के पुलिस हेडक्वार्टर के आंकड़ों के अनुसार राज्य में सड़क हादसों में 940 से ज्यादा लोगों की मौत हुई और 1600 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इनमें से, देहरादून में 2017 में सड़क हादसे में 140 से ज्यादा लोग मारे गए और 250 से ज्यादा लोग घायल हुये। 12-14 अप्रैल 2018 तक चलने वाले इस कार्यक्रम का लक्ष्य उच्च दर्जे की क्षमता और प्रभावोत्पादकता को हासिल करना है। इस कार्यक्रम में ट्रैफिक पुलिस और उन यातायात अधिकारियों को क्षमता निर्माण का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो सड़क हादसों की जांच और यातायात प्रबंधन करते हैं।




डियाजिओ इंडिया के मुख्य रणनीतिक और कॉरपोरेट मामलों के अधिकारी अबंती शंकरनारायणन ने कहा, “ डियाजिओ की सड़क पर सुरक्षा के लिए की गई पहल का उद्देश्य भारत में सड़क सुरक्षा की बदतर स्थिति को सुधारने की दिशा में जरूरी प्रभाव छोड़ना है। उत्तराखंड पुलिस और आईआरटीई के सहयोग से हम इस कार्यक्रम को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाएंगे और लोगों को सड़क सुरक्षा के मामले में चैंपियन बनने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

IRTE सही नींव बनाने के लिए प्रतिबद्ध

इंस्टीट्यूट आॅफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन (आईआरटीई) के प्रेसिडेंट डॉ. रोहित बलूजा ने कहा, “आईआरटीई भारत में सड़क सुरक्षा और यातायात प्रबंधन के मुद्दे को सुलझाने के लिए आईआरटीई सही नींव बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। सड़क सुरक्षा कार्यक्रम के लिए डियाजिओ इंडिया और उत्तराखंड पुलिस से साझेदारी निश्चित रूप से प्रसन्नता का विषय है। मैं उनको पुलिस फोर्स में क्षमता निर्माण की पहल करने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।“




डियाजिओ इंडिया और आईआरटीई की ओर से शुरू की गई ‘रोड टू सेफ्टी‘ पहल का यह चैथा साल है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य पुलिस अधिकारियों को क्षमता निर्माण का प्रशिक्षण देना और काॅमर्शियल वाहनों, जैसे बस और ट्रक को चलाने वाले ड्राइवरों और यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स को शराब पीकर गाड़ी चलाने के खतरे की जानकारी देना था। इसमें से प्रत्येक कार्यक्रम का आयोजन आईआरटीई फैकल्टी के एक्सपर्ट पैनल ने किय।
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कार्यक्रम के तहत सड़क दुर्घटना के कारणों और नतीजों, सड़क नियमों के पालन और टैफिक कंट्रोल के उपकरणों के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया गया। 2014 से इस कार्यक्रम के तहत 4,000 से ज्यादा ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों को सड़क सुरक्षा क्षमता- निर्माण का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इस कार्यक्रम के तहत 17 राज्यों के 60 से अधिक शहरों में काॅमर्शियल वाहनों के 6,000 ड्राइवरों और 5,000 से ज्यादा यूनिवर्सिटी के छात्रों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। कई राज्यों के पुलिस विभागों को उच्च गुणव्त्ता के ब्रीथ अल्कोहल एनालाइजर दिए गए हैं।