सदन में गूंजा गौवंश संरक्षण का मुद्दा

Issue of cow protection
Issue of cow protection

देहरादून। Issue of cow protection विधानसभा सत्र में शुक्रवार को गौवंश संरक्षण का मुद्दा जोर-शोर से गूंजा। सदस्यों का कहना था कि राज्य विधानसभा से गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिए का संकल्प सर्वसम्मति से पारित कर केंद्र सरकार को भेजा गया है, लेकिन राज्य में गौवंश के संरक्षण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।

गौवंश सड़क पर अवारा घूम रहा है। भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में पशुपालन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार रेखा आर्य ने बताया कि उत्तराखंड में गौवंश संरक्षण अधिनियम-2007 के प्राविधानों के अनुरूप गैर सरकारी पशु कल्याण संस्थाओं के माध्यम से निराश्रित गौवंश को शरण देने के लिए प्रतिबद्ध संस्थाओं को राजकीय मान्यता और अनुदान दिए जाने का प्राविधान किया गया है।

गत वित्तीय वर्षों में राज्य अंतर्गत मान्यता एवं अनुदान के लिए अर्ह संस्थाओं को राजकीय अनुदान दिया गया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 200 लाख के बजट का प्राविधान किया गया है। राज्य में 24 गोसदनों को भरण-पोषण मद में 127.96 लाख और 10 गोसदनों को गोशाला निर्माण मद में 72.04 लाख का अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है।

विधायक राजकुमार ठुकराल, मुन्ना सिंह चैहान ने भी सड़क पर अवारा घूम रहे गौवंश को रखने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की मांग की। विधायक मुन्ना सिंह चैहान का कहना था कि गौवंश को कौन लोग सड़क पर अवारा हालत में छोड़ रहे हैं उनको भी चिन्हित किया जाना चाहिए। प्रश्न का संतोषजनक जवाब न मिलने पर विधानसभा स्पीकर ने इस प्रश्न को स्थगित कर दिया।

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