झंडे जी के चढ़ने के साथ परम्परागत तरीके से शुरू हुआ Jhanda mela
देहरादून । आज मंगलवार को झंडे जी के चढ़ने के साथ परम्परागत ढंग से ऐतिहासिक झंडा मेला (Jhanda mela) शुरू हो गया है। फाल्गुन मास की पंचमी तिथि को लगने वाले इस झंडा मेले की तैयारियां जोरों पर चल रहीं थीं, शुरू हो गई हैं। इस बार दर्शनी गिलाफ लुधियाना के अर्जुन सिंह ने चढ़ाया। महंत देवेन्द्र दास जी महाराज की अगुवाई में झंडा मेले की शुरूआत हुई।
मेला शुरू होने से पहले श्री महंत संगत को लेने पैदल सहसपुर तक जाते हैं। इसके बाद परंपरा के अनुसार वहां से कांवली क्षेत्र होते हुए संगत को दरबार साहिब लाया जाता है। मेले में देश-विदेश से संगत पहुंचती हैं। मिली जानकारी के अनुसार, दर्शनी गिलाफ चढ़ाने की बुकिंग 30 साल पहले अर्जुन सिंह के पिता ने कराई थी। वर्ष 2116 तक के लिए दर्शनी गिलाफ की बुकिंग हो चुकी है।
झंडे जी को हजारों श्रृ़द्वालुओं के जयकारों के साथ चढ़ाया गया
इसके अलावा शहनील का गिलाफ चढ़ाने की बुकिंग वर्ष 2041 के बाद के लिए शुरू हो गई है। श्री दरबार साहिब मेला प्रबंध समिति मेले की तैयारियों में जुटी हुई थी। इसके लिए मेले में मिलने वाले पारंपरिक सादे मारकीन के गिलाफ भी तैयार किए जा रहे थे। शाम को निर्धारित समय पर झंडे जी को हजारों श्रृ़द्वालुओं के जयकारों के साथ चढ़ाया गया। इस दौरान झंडा मेला देखने के लिए भारी संख्या में महिलाएं, बच्चे, नौजवान, वृद्वजन उमड़े हुए थे।
दरबार साहिब की छतों, आसपास के घरों की छतों पर चढ़कर लोगों ने पूरी उत्सुकता के साथ झंडा मेला चढ़ते हुए देखा। सोमवार की देर रात तक भारी संख्या में भारत के कोने कोने से संगतें दून पहुंच गयी थीं। इधर, संगतों के खान पान व रहने के लिये दरबार साहिब की ओर से कई स्थानों पर व्यवस्थाएं की गयीं हैं।