नई दिल्ली । जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में बंधक संकट खत्म हो गया है। बायोटेक्नोलॉजी में पढ़ने वाले छात्र नजीब की गुमशुदगी से गुस्साए छात्रों ने वाइस चांसलर और दूसरे अधिकारियों को छोड़ दिया है। करीब 24 घंटे तक बंधक रहने के बाद वीसी और अधिकारी गुरुवार दोपहर दो बजे प्रशासनिक भवन से बाहर आ गए।
इससे पहले जेएनयू के वीसी एम जगदीश कुमार ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हमें उम्मीद है कि नजीब अहमद जल्द वापस लौट आएंगे। इसके लिए कई कदम उठाए गए हैं। हम नजीब अहमद के लापता होने पर चिंतित है, पुलिस से बात की है, लेकिन मेरा और अन्य अधिकारियों का घेराव करना गलत है। मेरे साथ बीमार लोगों को भी 21 घंटे से बंधक बनाया गया है। छात्र नहीं माने तो एक्शन लिया जाएगा।“
वहीं दूसरी ओर 24 घंटे की लंबी घेराबंदी से जेएनयू वीसी बाहर आने के बाद छात्र संघ अध्यक्ष मोहित पांडे को छात्रों ने घेर लिया। इनमें आपस में बहस शुरू हो गई कि वीसी और अधिकारियों को क्यों निकल जाने दिया गया। इनका कहना है कि आरोपियों को सस्पेंड नहीं किया गया तो कल गृहमंत्री राजनाथ सिंह का आवास घेरा जाएगा।
मोहित पांडे ने कहा, “हम बता देंगे कि हम वीसी को भी नहीं छोड़ेंगे और होम मिनिस्टर को भी नहीं छोड़ेंगे। इन्होंने वीसी पर आरोप लगाया है कि वो अपने आकाओं के कहने पर काम कर रहे हैं।“
इससे पहले केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा था कि कुछ छात्र पढ़ाई के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। जेएनयू में माहौल बिगाड़ने की कोशिश हो रही है।