घुटनों के जोड़ों में दर्द का रोग दुनिया भर में बहुत तेजी से फैल रहा है और अब पता चला है कि ऐसा हमारे एक बेहद आम आदत के कारण हो रहा है। यह दावा अमेरिका में होने वाली एक मेडिकल रिसर्च में सामने आया। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के सिसर्च में बताया गया कि जोड़ों के रोगों की रोकथाम बहुत आसानी से संभव है।
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रिसर्च के अनुसार कई प्रकार के तत्व इसका कारण बनते हैं, लेकिन मोटापा या लंबा जीवन उसके कारण नहीं बाकी अधिक समय तक बैठे हुये वक्त बिताना या धीमी लाइफस्टाइल इसका सबसे बड़ा कारण है। इस शोध के दौरान प्राचीन जमाने से संबंध रखने वाले मनुष्यों के कंकाल का विश्लेषण किया गया और पता चला कि वर्तमान युग में लोग अपने पूर्वजों की तुलना में अधिक धीमी शैली जीने के आदी हो चुके हैं।
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शोधकर्ताओं का कहना था कि परिणाम से पता चलता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पैदा होने वालों में घुटनों की हड्डियों के रोगों का खतरा दोगुना अधिक बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि इस शोध से पहले हमारा विचार था कि मोटापा इसकी बड़ी वजह है, लेकिन अब पहली बार साबित हुआ है कि ऐसा हमारे अपने धीमी जीवन शैली है।
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रिसर्च के अनुसार यह रोग चुनौती बनता जा रहा है क्योंकि यह जोड़ों के रोग लाइलाज बना देता है और लोगों को कम गतिशील होना कई अन्य समस्याओं का कारण भी बनता है और वे विभिन्न रोगों का शिकार होने लगते हैं। इस शोध के परिणाम मेडिकल पत्रिका प्रोसीडिंगज ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित हुआ है।