Kishau Dam National Project
देहरादून/नई दिल्ली। Kishau Dam National Project मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में किशाऊ बांध बहुद्देशीय परियोजना पर आयोजित बैठक में प्रतिभाग किया। बैठक में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वर्चुअल प्रतिभाग किया।
बैठक में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने परियोजना के संबंध में अपने-अपने राज्य का पक्ष रखा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि परियोजना डीपीआर की लागत बढ़ने की दशा में विद्युत घटक लागत को स्थिर रखा जाए अथवा बढ़ी हुई विद्युत घटक लागत को अन्य चार लाभार्थी राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान व दिल्ली द्वारा वहन किया जाए। ताकि राज्य के उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर विद्युत आपूर्ति उपलब्ध हो सके।
आज नई दिल्ली में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री श्री @gssjodhpur जी की अध्यक्षता में किशाऊ बांध बहुद्देशीय परियोजना पर आयोजित बैठक में सम्मिलित हुआ। pic.twitter.com/DXTb4o4FHn
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) September 21, 2022
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राष्ट्रीय परियोजना, उत्तराखण्ड के विकास हेतु मील का पत्थर साबित होगी क्योंकि परियोजना विकास की अवधि में स्थानीय निवासियों व ग्रामीणों को आय वृद्धि के विभिन्न संसाधन यथा स्थाई व अस्थाई रोजगार प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से उपलब्ध होंगे।
क्षेत्र के विकास व जनकल्याण हेतु समय-समय पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से क्षेत्र विशेष हेतु लाभप्रद योजनाएं विकसित की जाएगी, जिससे पलायन की समस्या पर काफी हद तक नियंत्रण किया जा सकेगा।
केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि बैठक मे उठाए गए बिंदुओ पर विचार-विमर्श कर जल्द ही अगली बैठक आयोजित की जाएगी।
एशिया की दूसरी सबसे बड़ी बाँध परियोजना होगी
गौरतलब है कि किशाऊ बहुउद्देशीय बाँध परियोजना के क्रियान्वयन का कार्य उत्तराखण्ड एवं हिमाचल प्रदेश सरकार के संयुक्त उपक्रम किशाऊ कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है।
इस परियोजना को फरवरी 2008 में राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया है। किशाऊ बाँध परियोजना एशिया का दूसरी सबसे बड़ी बाँध परियोजना होगी। जिसे इसकी ऊंचाई 236 मीटर एवं लम्बाई 680 मीटर होगी।
किशाऊ परियोजना उत्तराखण्ड राज्य के जनपद देहरादून एवं हिमाचल प्रदेश के जनपद सिरमौर में टोंस नदी पर प्रस्तावित है, इसमें 1324 एम0सीए०एम० जीवत भण्डारण द्वारा 97076 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई, 617 एम०सी०एम० पेयजल एवं औद्योगिक उपयोग हेतु जल प्राप्त होगा, जिससे तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान की सिंचाई आवश्यकता तथा दिल्ली की पेयजल आवश्यकता की पूर्ति की जा सकेगी|
साथ ही साथ 660 मेगावाट जल विद्युत उत्पादन होगा, जिससे 1379 एम०यू० हरित विद्युत ऊर्जा प्राप्त होगी जो कि उत्तराखण्ड व हिमाचल प्रदेश को बराबर-बराबर प्राप्त होगी।
केन्द्रीय जल आयोग द्वारा परियोजना की कुल लागत मार्च, 2018 के मूल्य स्तर के अनुसार रू० 11550 करोड़, जिसमें जल घटक की लागत रु. 10013.96 करोड़ एवं विद्युत घटक की लागत रु. 1536.04 करोड़ आंकी गई है। वर्तमान में परियोजना की डीपीआर का कार्य प्रगति पर है, जिसमें परियोजना की लागत बढ़ने का अनुमान है।
राष्ट्रीय परियोजना होने के दृष्टिगत परियोजना के क्रियान्वयन हेतु जल घटक लागत (सिंचाई एवं पीने का पानी) का 90 प्रतिशत वित्तीय पोषण भारत सरकार द्वारा एवं 10 प्रतिशत वित्तीय पोषण लाभार्थी राज्यों द्वारा वहन किया जाएगा तथा विद्युत घटक लागत को उत्तराखण्ड व हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा संयुक्त रूप से बराबर-बराबर वहन किया जाना है।
बैठक में उत्तराखण्ड से सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, हरिश्चंद्र सेमवाल व जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार के अधिकारी उपस्थित थे।
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