बच्चों की स्कूली शिक्षा को लीलाधर कल्याण समिति करेगी पुलिस का सहयोग

Leeladhar Kalyan Samiti will support education of children

Leeladhar Kalyan Samiti will support education of children

देहरादून। Leeladhar Kalyan Samiti will support education of children उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक के बहुलक्षित व प्रसिद्ध ‘आपरेशन मुक्ति’ में प्रमुख स्वयं सेवी संस्था लीलाधर कल्याण समिति द्वारा भी उत्तराखंड पुलिस का सहयोग किया जाएगा। उक्त संस्था द्वारा भिक्षावृत्ति से मुक्त करवाये बच्चो(जिनके द्वारा स्कूली शिक्षा को बीच मे ही छोड़ दिया गया है) को स्कूली शिक्षा प्रदान करवाने में सहयोग किया जाएगा।

उत्तराखंड राज्य में भिक्षा खासतौर पर छोटे बच्चो के लिए एक अभिशाप मान उत्तराखंड को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने हेतु पुलिस द्वारा 2017 से आपरेशन मुक्ति अभियान आरम्भ किया था। जिसे हाल ही के वर्षो में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार द्वारा अपनी पुलिस टीम के साथ मिलकर उत्तराखंड के हर जनपद में ‘आपरेशन मुक्ति- भिक्षा नही शिक्षा दे’ अभियान पुनः सफलतापूर्वक चलाया था।

तीन चरण में संपन्न करवाये इस अभियान में उत्तराखंड पुलिस द्वारा जनपद की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं की सहायता से अभी तक 5,997 बच्चों का सत्यापन किया जा चुका है। जिसमें से अभियान के दौरान विभिन्न पुलिस टीमों द्वारा 5,864 बच्चों को उनके परिजनों के सुपुर्द किया गया।

वहीं पुलिस द्वारा जनपद को भिक्षावृत्ति मुक्त प्रदेश बनाने के उद्देश्य के दौरान चुने गए बच्चो में से प्राथमिकता के आधार पर 2,149 बच्चों को उनकी आवश्यकता अनुसार स्कूलों/डे केयर होम में दाखिला दिलवाया गया। जिनमें से वर्तमान में 1394 बच्चे ही स्कूल जा रहे हैं।

विभिन्न कारणों से बीच मे ही स्कूल छोड़ा जा रहा

हालांकि इनमें से कुछ बच्चे ऐसे भी है जिनके द्वारा विभिन्न कारणों से बीच मे ही स्कूल छोड़ा जा रहा है। ऐसे ही बच्चो को स्कूली शिक्षा दिलाने हेतु लीलाधर मेमोरियल कल्याण समिति उत्तराखण्ड पुलिस के साथ सहयोग करने को आगे आई है।

पुलिस मुख्यालय में आज आयोजित आपरेशन मुक्ति गोष्ठी मे पुलिस महानिदेशक द्वारा इसकी जानकारी दी गयी व संस्था के चेयरमैन राज भट्ट द्वारा उत्तराखण्ड पुलिस के साथ एम0ओ0यू0 पर हस्ताक्षर किए गए है।

जानकारी हो कि,उत्तराखण्ड पुलिस के द्वारा चलाये जा रहे ‘ऑपरेशन मुक्ति‘ अभियान का मुख्य उद्देश्य विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के साथ एकीकृत अभियान चलाकर बच्चों को भिक्षावृत्ति के दलदल से बाहर निकाल उनको शिक्षा हेतु प्रेरित करना है।

इस अभियान के प्रथम चरण में पुलिस प्रशासन द्वारा देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, उधम सिंह नगर में बच्चों के चिन्हीकरण के साथ अभियान की शुरुआत की गई थी।

द्वितीय चरण में राज्य में समस्त जनपदों के स्कूल कॉलेजों, सिनेमाघरों, रेलवे स्टेशन, मुख्य चौराहों पर नुक्कड़ नाटक, बैनर पोस्टर जैसे विभिन्न माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाया गया। तीसरे चरण में भिक्षावृत्ति कर रहे बच्चों के माता-पिता की काउंसलिंग की गई एवं उन बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त करवाकर विभिन्न स्कूलों में भर्ती किया गया है।

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