वह जगह जहां लोग मरने वाले अपने रिश्तेदारों का सूप बनाकर पी जाते हैं

Yanomami

क्राकेस। दुनिया से रूखसत होने वालो को अलविदा कहने के लिए हर धर्म और सभ्यता की अपनी परंपराएं हैं। आमतौर उन्हे अलविदा रस्मों में मरने वाले का सम्मान और आदर का विशेष आयोजन किया जाता है, लेकिन वेनजुवेला और ब्राजील के जंगलों में रहने वाले ‘यानुमामी’ जनजातियों के लोग अपने लोगो का ऐसा हसर करते हैं कि सुन कर हर कोई तौबा-तौबा करने लगेगा।

वेबसाइट ‘वंडर लिस्ट’ के अनुसार यानोमामी जनजातियों में जब किसी की मौत हो जाती है तो उसके शव को आग पर रखकर भुना जाता है। जब सभी मांस जलकर राख बन जाता है तो फिर हड्डियां को जलाने की बारी आती है। मांस की तरह हड्डियों को भी जलाकर उनकी राख बना दी जाती है। फिर एक देग में पानी और अन्य सामान डालकर इसमें मुर्दे के मांस और हड्डियों की राख भी शामिल कर दी जाती है। इन सब चीजों को खूब अच्छी तरह पका कर सूप तैयार किया जाता है, जिसे मरने वाले के सभी प्रिय व रिश्तेदारो को मिट्टी के प्यालो में डालकर पी जाते हैं।

यानुमामी जनजातियों में ऐसा माना जाता है कि मरने वाले की राख का सूप पीने से उसकी आत्मा हमेशा के लिए अपने परिजनों में मौजूद रहती है। ये लोग कहते हैं कि अगर किसी मुर्दे की राख सूप बनाकर न पिया जाए तो उसकी आत्मा हमेशा तड़पती रहती है और कभी-कभी यह आत्मा दुनिया में वापस आकर अपने प्रिय और रिश्तेदारो का जीना हराम कर देती है।