नई दिल्ली,। कांग्रेस ने नगालैंड में स्थानीय निकाय चुनावों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने के बाद हुई हिंसक घटनाओं पर दुख जताया है। कांग्रेस ने विश्व के बेहतरीन सरकार चलाने के लिए राज्य में महिलाओं को राजनीति में मंजूर न किये जाने पर खेद जताया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने मंगलवार को कहा कि यह किसी विडंबना से कम नहीं कि देश के एक राज्य में महिला आरक्षण का उग्र विरोध होता है।
वह भी संयुत्तफ़ राष्ट्र ने 2007 में जिस राज्य की सरकार को विश्व की बेहतरीन सरकार करार दिया था वहां राजनिति में महिलाओं के लिए इस तरह का विरोध हो रहा है, यह बेहद चौंकाने वाला है। उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा, क्यों नहीं राज्य की जनता महिलाओं को यह मौका देती? उल्लेखनीय है कि नगालैंड की वर्तमान जेलियांग सरकार, जिसमें भाजपा भी शामिल है, उसने 24 नवम्बर 2016 को विधानसभा में संविधान-सम्मत नगालैंड नगरपालिका विधेयक (तीसरा संशोधन) पारित किया और 2012 के पुराने महिला आरक्षण विरोधी प्रस्ताव को रद्द कर दिया। जैसे ही प्रदेश सरकार ने 33 फीसदी महिला आरक्षण के साथ शहरी निकाय चुनाव 1 फरवरी 2017 को कराने की घोषणा की, एकाएक ‘नगा होहो’ सहित सभी प्रमुख जनजातीय संगठनों ने इसका उग्र विरोध शुरू कर दिया।
इन संगठनों के हिंसक प्रदर्शन, तोड़फोड़ और सरकारी कार्यालयों में आगजनी आदि से निपटने के लिए हुई पुलिस की गोलीबारी में दो व्यत्तिफ़यों की मौत हो गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हिंसाग्रस्त क्षेत्रें में निषेधाज्ञा लगा दी गई। यहां तक सेना भी बुलानी पड़ी। मुख्यमंत्री को इस्तीफा तक देना पड़ा। तत्पश्चात राज्यपाल पीबी आचार्य को गत नौ फरवरी को शहरी निकाय चुनाव को ही रद्द करना पड़ा।