Maulana Qari Mohammad Usman Mansoorpuri
मदरसा दार-ए-अरकम व दारूल उलूम फैज-ए-रहीमी में हुई दुआ-ए-मगफिरत
जमीयत के राष्ट्रीय अध्यक्ष व दारुल उलूम देवबंद के सहायक मोहतमीम थे कारी उस्मान
देहरादून। Maulana Qari Mohammad Usman Mansoorpuri जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष और दारुल उलूम देवबंद के सहायक मोहतमीम हजरत अमीरूल-हिन्द मौलाना कारी सैयद मुहम्मद उस्मान मंसूरपुरी का बीते दिवस इंतकाल हो गया था, उनके इंतकाल से देश भर में शोक की लहर है।
उस्मान मंसूरपुरी के इंतकाल पर जमीयत उलेमा-ए-हिन्द उत्तराखण्ड के अध्यक्ष मौलाना आरिफ कासमी ने दुख जताया और कहा कि आज हमने विश्व स्तरीय शांति का संदेश देने वाला खो दिया।
कारी सैयद मुहम्मद उस्मान मंसूरपुरी गुरुग्राम के मैदांता अस्पताल में भर्ती थे, कोरोना संक्रमण होने के बाद आप को वहा भर्ती कराया गया था। शनिवार को मदरसा दार-ए-अरकम आजाद कालोनी व दारूल उलूम फैज-ए-रहीमी ढ़करानी में कारी उस्मान साहब के लिये दुआ-ए-मगफिरत कराई गई।
इस मौके पर मदरसा एसोसिएशन आॅफ उत्तराखण्ड के सचिव मौहम्मद शाहनजर ने कहा कि कारी सैयद मुहम्मद उस्मान एक साथ एशिया के दो सबसे बड़े संस्थान दारुल उलूम देवबंद और जमीयत उलेमा ए हिन्द के ध्वजवाहक थे, वर्ष 2008 मार्च से आखरी वक्त तक जमीयत के अध्यक्ष रहे, हजरत मौलाना मरगुब-उर-रहमान के निधन के बाद आपको अमीर-उल-हिन्द चुना गया।
आतंकवाद के खिलाफ राष्ट्रव्यापी स्तर पर कदम उठाया
1979 में मुल्क व मिल्लत बचाव आंदोलन में हजरत फिदा मिल्लत मौलाना सैयद असद मदनी के साथ जेल भी गए। अपने आतंकवाद के खिलाफ राष्ट्रव्यापी स्तर पर कदम उठाया। शांति का संदेश देने के लिए दिल्ली और देवबंद में विश्व स्तरीय शांति सम्मेलन आयोजित कराए।
आल इंडिया मजलिस तहफ्फुज-खत्म-ए-नबुव्वत काईम की गई तो, आपको नाजिम चुना गया था, संस्था ने देश भर में कादियानियत कुप्रथा को दबाने के लिए सबसे बड़ी सेवाएं दी हैं, जो दार-उल-उलूम के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय है।
उन्होने कहा कि कारी सैयद मुहम्मद उस्मान मदरसा दार-ए-अरकम के सालाना इजलास में वर्ष 2017 व 2018 में दो मर्तबा तशरीफ लाए, इसके अलावा जामा मस्जिद मुस्लिम कालोनी, जामा मस्जिद धमावाला, मआरफुल कुरआन व मर्कज बशरतुल इसलामी में भी कारी साहब के बयान हुए है।
मदरसा दार-ए-अरकम में हाफिज सुलेमान ने दुआ कराई, इस मौके पर मास्टर अब्दुल सत्तार, कारी मुनव्वर, कारी फरहान, कारी अफरोज, मौलाना अबु बकर आदि मौजूद रहें|
वहीं, दारूल उलूम फैज-ए-रहीमी में मौलाना मासूम कासमी ने दुआ कराई। इसके अलावा जमीयत के जिला अध्यक्ष मौलाना नसीबुद्दीन, कारी अबुल फजल, मौलाना इफ्तिखार कासमी ने भी गम का इजहार किया।
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