सोशल मीडिया के अधिक उपयोग से मानसिक तनाव युवकों को मानसिक रोगी बनाने लगा, नींद की कमी से युवाओं के मानसिक कौशल भी धीमा पड़ने लगा है। रॉयल कॉलेज फॉर पब्लिक हेल्थ की ताजा शोध के अनुसार हर समय मोबाइल, टैबलेट या कंप्यूटर स्क्रीन पर ठीकी नजर डालना और इस दौरान विभिन्न ऐप्स का उपयोग किशोर मानसिक तनाव में वृद्धि का कारण बन रहा है और इस वजह से युवा पीढ़ी मानसिक समस्या का शिकार रही है।
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रॉयल कॉलेज फॉर पब्लिक हेल्थ के अनुसार सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोग के कारण युवाओं में नींद की कमी बढ़ती जा रही है जिससे उनके मानसिक कौशल मंद पड़ता जा रहा हैं।
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डॉक्टरों का कहना है कि सोशल मीडिया के महत्व और इसके सकारात्मक प्रभाव से बचें नहीं लेकिन किसी भी चीज की ज्याददती आदमी के मन को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है इसलिए विशेष रूप से युवा बच्चे और बच्चियों में मानसिक अराजकता और कुछ मामलों में हिन भावना जैसे कारक भी सामने आते हैं। रॉयल कॉलेज फॉर पब्लिक हेल्थ इस ताजा शोध में 14 से 24 साल के 1500 से अधिक युवाओं को शामिल किया गया था।
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