Mining case in Dehradun
विकासनगर। Mining case in Dehradun जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष एवं जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि उत्तराखण्ड में उपखनिज (रेता, बजरी, पत्थर) इतनी मात्रा में उपलब्ध है कि उत्तराखण्ड अकेले दो-तीन प्रदेशों को आपूर्ति कर सकता है।
सीएम त्रिवेन्द्र ने जब से मुख्यमन्त्री व खनिज मन्त्री का कार्यभार ग्रहण किया, उसके मात्र डेढ़-दो महीने के भीतर अपनी सत्ता बचाने के लिए अन्य प्रदेश के खनन माफियाओं से हाथ मिलाकर प्रदेश को माफियाओं के हाथों गिरवी रख दिया। आलम यह है कि खनन से मिलने वाला राजस्व न के बराबर रह गया है।
मोर्चा कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए नेगी ने हैरानी जताते हुए कहा कि इस गठजोड़ की वजह से आज आम आदमी पिसता जा रहा है तथा प्रदेश के विकास कार्य लगभग ठप्प हो गये हैं तथा इसके साथ-साथ इस कारोबार से जुड़े हजारों-लाखों लोगों के सामने रोजगार व दो रोटी का संकट पैदा हो गया है।
नेगी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय जहाॅं एक ट्राॅली रेता-बजरी 1500-1800 रू0 में मिलता था आज 4500-5000 रू0 में बामुश्किल मिल रहा है तथा एक ट्रक रेत की कीमत 20 से 25 हजार हो गयी है।
नेगी ने व्यंग कसते हुए कहा कि उत्तराखण्ड, हरियाणा, हिमाचल व उत्तर प्रदेश के माफियाओं ने प्रदेश के भोले-भाले ईमानदार, जीरो टॉलरेंस के महानायक त्रिवेन्द्र को अपनी गिरफ्त में जकड़ लिया है, जिसको जनता ही छुड़ा सकती है।
अन्य प्रदेशों में इस उपखनिज को कोई पूछने वाला नहीं है, यानि इसकी वहाॅं कोई कीमत नहीं है। इसी कारण उत्तराखण्ड में प्रतिदिन सैकड़ों करोड़ का काला कारोबार हो रहा है। पत्रकार वार्ता में डाॅ0 ओपी पंवार, दिलबाग सिंह, गुरविन्दर सिंह, सुशील भारद्वाज आदि शामिल रहे।
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