अल्मोड़ा । अल्मोड़ा के सर्किट हाउस में राज्य मंत्री रेखा आर्या की गृह जनपद अल्मोड़ा में पहली बैठक ने विवाद पैदा कर दिया है। अफसरों के साथ उनकी पहली बैठक में दिए गए आदेश और बहस की खबरें बाहर आने से चर्चाओं का बाजार तेज हो गया है। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में बैठक ने बहस का रूप ले लिया और कई अफसरों ने मंत्री का फरमान सुन यह तक चेतावनी दे डाली कि आप हमारा तबादला करवा दो। उच्च सूत्रां के अनुसार एक अफसर ने भरी मीटिंग में कहा कि ‘‘आप लोगों से मेरे बारे में पूछ लो। यदि कोई गलत काम किया है तो आप मेरे खिलापफ कार्रवाई को कदम उठा सकती हैं, लेकिन मैं गलत काम किसी भी हाल में नहीं करूंगा।’’
फिलहाल पहली बार जिले में अफसरों की बैठक के बाद जिस तरह चर्चाओं ने जन्म लिया है। भाजपा भी दो धड़ों में दिख रही है। खुल के कुछ नहीं बोलने वाले भाजपा नेता भी मान रहे हैं कि बैठक मं आदेश के नाम पर गलत व्यवहार नहीं होना चाहिए। हालांकि प्रत्यक्ष मंे कोई नेता बयान नहीं दे रहा है। प्रशासनिक और भाजपा के सूत्रों के मुताबिक बैठक खत्म होने के बाद अफसर यह चर्चा करते आये कि एक ओर देश के प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार को खत्म करने की बात कर रहे हैं, लेकिन मंत्री की बैठकों मंे अफसरों से अभद्रता हो रही है। मंत्री की बैठक खत्म होने के बाद अफसरों ने बताया कि मंत्री ने डीएम और एसएसपी को अल्मोड़ा में वन वे यातायात व्यवस्था पूर्व की भांति किए जाने, अपने पति के मुकदमों की जानकारी देने की बात कही। यह भी कहा डीएम साहब आप फोन नहीं उठाते हैं।
इस पर अफसरों ने नियमों का हवाला देते हुए किसी भी तरह का यातायात व्यवस्था में बदलाव करने से साफ मना कर दिया। हालांकि इस मामले में सभी अधिकारी भी खुल कर सामने आने से बचते रहे हैं। दरअसल, राज्य मंत्री रेखा आर्या चैघानपाटा में गांधी प्रतिमा एवं अंबेडकर की प्रतिमा में माल्यापर्ण के बाद वापस सर्किट हाउस पहुंचने के दौरान ही वनवे यातायात का उल्लंघन की बात उछालने लगी थी, यहीं से विवाद शुरू हो गया। इधर इधर एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर ने इतना ही कहा कि हम सभी को नियमों का पालन करना चाहिए। नियम के तहत ही वन वे यातायात व्यवस्था लागू की गई है। कुछ व्यापारियों ने मंत्री के सामने पूर्व की तरह यातायात व्यवस्था लागू किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि जनहित में हम यातायात व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं करेंगे। प्रभारी मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि विकास कार्यों की बैठक करने और समीक्षा कर स्थितियों की जानकारी लेने का प्रयास उन्होंने किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने बैठक में कोई गलत बात नहीं की। विभागों की समीक्षा कर अधिकारियों को विकास कार्यों में तेजी लाने के आदेश-निर्देश दिए। विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए कहना गलत नहीं है।