Monkeys trouble people
देहरादून। Monkeys trouble people प्रदेश में बंदरों की बढ़ती संख्या लोगों और काश्तकारों के लिए परेशानी का सबब बन चुकी हैं। बंदरों के आतंक से सबसे ज्यादा परेशान वो काश्तकार हैं जिनकी आजीविका खेती पर निर्भर है। बंदरों द्वारा किये जा रहे नुकसान को देखते हुए अब वन विभाग ठोस कार्य योजना बनाने जा रहा है।
मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक मोनीष मल्लिक ने बताया कि बंदरों को पकड़कर उनका बंध्याकरण किया जा रहा है। गौर हो कि प्रदेश में बंदरों की संख्या 1,46,423 बताई जा रही है। प्रदेश के सबसे ज्यादा बंदर अल्मोडा में (9477). जिनमें सबसे कम बंदर नन्दादेवी डिविजन (539) में हैं|
बंदरों को पकड़ने के लिए पर्याप्त लोग नहीं
वहीं खुद विभाग भी इस बात को स्वीकार कर रहा है कि बंदरों के आंतक से आम लोग और काश्तकार परेशान हैं। विभाग की मजबूरी यह है कि बंदरों को पकड़ने के लिए उनके पास पर्याप्त लोग नहीं हैं। बंदरों को पकड़ने के लिए दूसरे राज्यों से लोगों को बुलाया जाता है।
मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक मोनीष मलिक ने बताया कि आंतकी बंदरों से निजात मिल सके इसके लिए बंदरों को पकड़कर बंध्याकरण भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को बंदर पकड़ने का प्रशिक्षण देंगे, साथ ही प्रोत्साहन राशि भी दी जायेगी।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में विभाग के पास बंदरों को पकड़ने के लिए एक्सपर्ट नहीं है, दूसरे राज्यों से लोगों को बुलाना पड़ता है। साथ ही उन्होंने कहा कि इसमें तेजी लाने के लिए जल्द ही विभाग अभियान चलायेगा।
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