गुणों की खान नमक का जाने इतिहास Namak ke fayde
हिना आज़मी
Namak ke fayde नमक को मूल्यवान एवं उपयोगी वस्तु माना गया है। दैनिक साहित्य में अर्थवेद में नमक के बारे में जानकारी का उल्लेख मिलता है, जहां इसे गंडमाला नामक रोग के निवारण के लिए उपयोगी बताया गया है। महर्षि पाणिनि ने लवण को एक जरूरी वस्तु बताया है और इसका व्यापार करने वाले लोगों को लावणी कहा गया है। इसी प्रकार सुश्रुत संहिता में सेंधा, सामुद्रिक ,पवित्रं, यवक्षार आदि कई प्रकार के लवणों का वर्णन किया गया है। कौटिल्य के अर्थशास्त्र से विदित होता है कि मौर्य काल में नमक के उत्पादन और वितरण पर नियंत्रण रखने के लिए लवणाध्यक्ष नामक अधिकारी नियुक्त किया जाता था।
जरा इसे भी पढ़ें : डायबिटीज से पीड़ित महिलाएं भी दे सकती हैं स्वस्थ बच्चे को जन्म
ऐसा भी उल्लेख मिलता है कि नमक उत्पादन के लिए शासन से अनुज्ञापत्र लेना अनिवार्य था। हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने नमक पर ब्रिटिश सरकार द्वारा लगाए गए टेक्स के विरोध में सन 1930 में नमक सत्याग्रह रूपी जन आंदोलन किया, इसके फलस्वरुप भारतवासियों को नमक पर राहत मिली| नमक उत्पादन करने वाले देशों में भारत का नाम तीसरे नंबर पर है। विश्व भर में प्रतिवर्ष लगभग 200000 मीट्रिक टन से भी अधिक नमक का उत्पादन होता है। हमारे देश में सर्वाधिक नमक गुजरात, तमिलनाडु और राजस्थान में उत्पादित होता है। नमक जिसे रासायनिक भाषा में सोडियम क्लोराइड कहते हैं, एक विशिष्ट स्वाद वाला मृदु एवं अत्यधिक जल सोखने वाला यौगिक है। इसमें 39 प्रतिशत और सोडियम और 7 प्रतिशत क्लोरीन होती है।
खाद्य पदार्थों में दुर्गंधनिरोधी के रूप में मिलाया जाता है
मैग्नीशियम क्लोराइड की उपस्थिति के कारण ही यह पानी का अवशोषण करता है। नमक की उपस्थिति में बैक्टीरिया तथा कवक भी नहीं बनते हैं, इस कारण से मक्खन, पनीर आदि खाद्य पदार्थों में दुर्गंधनिरोधी के रूप में मिलाया जाता है। इससे मृत जीवों की सड़न को भी रोकता है। कई समुदाय के लोग शव को जमीन गाड़ते समय इसका उपयोग करते हैं। नमक विद्युत का कुचालक होता है, कुछ खाद्य पदार्थों मांस, अंडा, दूध, दूध से बनने वाले पदार्थ, सब्जियों तथा अनेक दवाइयों में प्रचुर मात्रा में सोडियम पाया जाता है, अतः भोजन में यह दिन नमक का सेवन नहीं किया जाता है तो भी सामान्य परिस्थितियों से शरीर में सोडियम की कमी होने की आशंका बनी रहती है।
जरा इसे भी पढ़ें : कान में बज रही है सीटी तो हो जाईये सवधान!
सोडियम क्लोराइड और कैल्शियम कोशिकाओं के द्रव और पोटेशियम, मैग्नीशियम फास्फेट कोशिकाओं के द्रव के प्रमुख तत्व होते हैं, और कोशिकाओं के स्तर का सामान्य बने रहना अति आवश्यक होता है। रक्त के स्तर को नियंत्रित करने के लिए अनेक क्रियाएं होती हैं, कुछ हार्मोन की सहायता से रक्त में सोडियम के स्तर को नियंत्रित करते हैं, तथा सोडियम जब किसी कारणवश रक्त में सोडियम का स्तर बढ़ने लगता है, तो मूत्र द्वारा सोडियम की अतिरिक्त मात्रा को बाहर निकाल दिया जाता है। स्वस्थ मनुष्य में भोजन के द्वारा जितना सोडियम शरीर में पहुंचता है, लगभग उतना ही मूत्र के द्वारा शरीर से निष्कासित कर दिया जाता है|
नमक के उपयोग (Namak ke fayde)
मानव शरीर में आयोडीन एक शुष्क मात्रिक तत्व है, जिससे प्रमुखत: थायराइड ग्रंथि प्रभावित होती है। यदि मानव को प्रतिदिन के भोजन में पर्याप्त आयोडीन नहीं मिलती है, तो उसकी थायराइड ग्रंथि बढ़ जाती है। वह गले पर बाहर की ओर फुल कर गलगंड या घेंघा नामक रोग बनाती हैं। भारत में करोड़ों व्यक्ति आयोडीन न्यूनता से प्रभावित है। अतः आयोडीन युक्त पदार्थों का सेवन जरूरी है, इसके लिए नमक एक रामबाण तरीका सिद्ध हो सकता है।