श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ 8 व 9 जनवरी को होगा राष्ट्रव्यापी हड़ताल

Nationwide strike against anti-worker policies
पत्रकार वार्ता के दौरान पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट व अन्य।
Nationwide strike against anti-worker policies

देहरादून। Nationwide strike against anti-worker policies देशभर में केन्द्र सरकार की जन विरोधी एवं श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ आठ व नौ जनवरी को दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल की जायेगी। उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियन्स समन्वय समिति के सदस्य व इंटक प्रदेश अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट ने उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि लगातार केन्द्र की राजग सरकार मजदूर एवं जन विरोधी निर्णय ले रही है, जिसका पुरजोर विरोध किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार जबसे सत्ता में आई है श्रम कानूनों में लगातार ऐसे संशोधन किये जा रहे है जिनसे मजदूर वर्ग से वह सभी अधिकार छीन रहे हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा साजिशन व निरंकुश तरीके से देश के सबसे बडे मजदूर संगठन इंटक को अंतर्राष्ट्रीय मंच समेत सभी त्रिपक्षीय व द्विपक्षीय कमेटियों से वंचित किया जा रहा है इससे ओर आगे बढककर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के अधिसूचित उद्योगों में काम करने वाले श्रमिकों का न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण हेतु गठित न्यूनतम वेतन सलाहकार बोर्ड के श्रम संघों से मात्र भारतीय मजदूर संघ को ही शामिल किया गया है।

एटक, इंटक तथा सीटू जैसे श्रम संघों को हाहर का रास्ता दिखा दिया गया है जो चिंता का विषय है और लगातार प्रदेश सरकार भी दोहरा मापदंड अपना रही है जिसे किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मजदूर विरोध निरंकुश चरित्र तब ओर अधिक बढ़ रहे है वह समान कार्य के लिए समान वेतन नहीं मिल पा रहा है ।

किसी भी प्रकार का कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा

15वें श्रम सम्मेलन तथा सर्वोच्च न्यायालय के अदेशों के मानदंडों के अनुसार न्यूनतम मजदूरी का निर्धारण, आंगनवाडी, मिड डे मील और आशा वर्क आदि स्कीम कर्मियों, मनरेगा मजदूरों, घरेलू श्रमिकों आदि समस्याओं पर किसी भी प्रकार का कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है जो चिंताजनक है।

न्यूनतम वेतन सलाहकार समिति में न्यूनतम वेतन अधिनियम के अंतर्गत धारा 9 में स्पष्ट है कि सैडयूल इम्प्लाइमेंट में यूनियन प्रतिनिधि होंगें तथा उत्तराखंड सरकार में भारत इलेक्ट्रानिक के दो सदस्य रखे गये है जबकि सीटू, एटक व इंटक, स्कूल, चाय बागान, इंजीनियरिंग, प्रेस, होटल, कैमिकल्स, मेडिकल रिप्रेजेन्टिेटिव की यूनियनों के प्रतिनिधि नहीं रखे गये है जो चिंताजनक है।

उन्होंने कहा कि लगातार केन्द्र व प्रदेश सरकार जन विरोधी निर्णय ले रही है जिसका पुरजोर तरीके से विरोध किया जायेगा। पत्रकार वार्ता में जगमोहन मेंदीरत्ता, समर भंडारी, एपी अमोली, बीरेन्द्र भंडारी, अशोक शर्मा, ओपी सूदी, देवेन्द्र सिंह रावत, धीरज भंडारी, वीरेन्द्र सिंह नेगी, बी छत्तवाल, सोहन सिंह रजवार अनेक श्रमिक नेता शामिल थे।

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