नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए नक्सली हमले पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में बयान दिया। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवादी अपने कैडरों के गिरते हुए मनोबल को बढ़ाने के प्रयास में इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम देने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें इस तरह की घटना पर विशेष आत्मनिरीक्षण करने की आवश्यकता है। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल सीआरपीएफ के महानिदेशक को इस मामले की पूर्ण जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है कि इस तरह की घटना में हुई चूक की पहचान की जा सके ताकि ऐसी घटनाओं की भविष्य में पुनरावृत्ति की सम्भावनाओं को कम किया जाए।
उन्होंने कहा, मैं शहीद सुरक्षा कर्मियों के शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और उन्हें यह बताना चाहता हूं कि शोक की इस घड़ी में पूरा देश उनके साथ है। उनके बलिदान को देश हमेशा याद रखेगा। घायल सुरक्षा कर्मियों को पर्याप्त और अच्छी से अच्छी चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाएगी। मैं पूरे सदन की ओर से उनके शीघ्र स्वास्थ-लाभ की कामना करता हूँ।’ उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद के विरूद्ध सुरक्षा बलों की अप्रत्याशित कामयाबियों से वामपंथी समूहों में हड़बड़ाहट स्पष्ट रूप से देखी जा रही है।
वर्ष 2016 में सुरक्षा बलों ने सभी वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों, विशेषकर छत्तीसगढ़ में जबरदस्त सफलता प्राप्त की तथा 135 उग्रवादियों को मार गिराया, 779 को गिरफ्तार किया और 1198 ने आत्मसमर्पण किया। राजनाथ ने कहा कि छत्तीसगढ़ में वर्ष 2015 की तुलना में वर्ष 2016 में वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं में 15 प्रतिशत की कमी आई है तथा हिंसक घटनाएं 466 से घटकर 395 हो गई। पिछले वर्ष के सभी आंकड़े सुरक्षा बलों की दक्षता एवं कार्यकुशलता का प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से 35 लाख रुपये, सीआरपीएफ के रिस्क जोखिम निधि से 20 लाख रुपये और सीआरपीएफ कल्याण कोष से 1 लाख रुपये दिया जाएगा।
इसके अतिरिक्त 25 लाख रुपये की बीमा तथा 3 लाख रुपये छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा भी दिया जाएगा। शहीदों के करीबी उत्तराधिकारियों को उनके सेवानिवृति की अवधि तक पूर्ण वेतन उदारीकृत पेंशनरी पुरस्कार एलपीए के तहत दिया जाएगा। गृहमंत्री ने सदन को विश्वास दिलाया कि केन्द्र सरकार सुरक्षा बलों को हर प्रकार से सक्षम करने हेतु कृत संकल्प है। इसी प्रकार हम राज्यों को प्रशिक्षण, क्षमता निर्माण, सीएपीएफ बटालियनों के प्रावधान और आवश्यक खुफिया जानकारी साझा करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।