जानिए रहस्यमई न्यूट्रॉन का क्या है सच

Neutron
जानिए रहस्यमई Neutron का क्या है सच?

न्यूट्रॉन, इलेक्ट्रॉन जैसे ही एक सूक्ष्मतम कण होते हैं। इसकी गतिविधियां बहुत कम होती हैं।  इस पर पूरी दुनिया में शोध लगातार जारी हैं। फोटोनो के बाद Neutron ब्रह्मांड के सर्वाधिक सामान्य कण हैं। न्यूट्रॉन एक मूल कण है, जो लगभग प्रकाश के वेग से चलता है, विद्युत आवेशहीन होता है और द्रव्य में से होकर लगभग बिना विचलित हुए गुजर जाता है इसलिए न्यूट्रॉनो का पता लगाना बहुत मुश्किल होता है।

इस कारण न्यूट्रॉनों का  विराम द्रव्यमान बहुत ही कम होता है लेकिन शून्य नहीं होता। न्यूट्रॉनों में द्रव्यमान होता है, इसलिए यह अन्य भारी कणों के साथ गुरुत्वीय अन्ययोन्य  क्रिया करते हैं। न्यूट्रॉन कुछ प्रकार के रेडियोऐक्टिव क्षय  या वैसी नाभिकीय अभिक्रियाओं के परिणाम स्वरुप उत्पन्न होते हैं, जैसी सूर्य में होती है और नाभिकीय रिएक्टरों में होती है या तब होती है जब कॉस्मिक किरणें परमाणुओं से टकराती है।

अतिदुर्लभ अवसर का इंतजार किया जाए

वैज्ञानिक आशावान है कि इन खगोलिक संदेशवाहकों में निहित सदूर अंतरिक्ष में घट रही घटनाओं की सूचनाओं को समझा जा सकता है , लेकिन समस्या है कि इनके सामान्य द्रव्य से क्रिया कभी-कभार ही हो पाती है। न्यूट्रॉन को प्राप्त करने का एक तरीका तो यह है कि उस अतिदुर्लभ अवसर का इंतजार किया जाए, जब वह अखंड परमाणुओं के साथ टकराते हैं, जिससे आवेशित कणों की एक बौछार पैदा हो जाती है।




जब कोई आवेशित कण स्वच्छ बर्फ जैसे अत्यंत पारदर्शक माध्यम से गुजरता है तो यह माध्यम एक नीले प्रकाश से भर जाता है। बता दें, न्यूट्रॉन की खोज से पहले परमाणु के नाभिक को धन आवेशित कण प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन और से मिलकर बना माना जाता था। सन 1932 में न्यूट्रॉन की खोज हुई, जो कि एक आवेशित कण है जिसका द्रव्यमान धनावेशित प्रोटॉनों से थोड़ा अधिक होता है। न्यूट्रॉन परमाणु के नाभिक में होता है यानी परमाणु के पेट में और परमाणु ही वह छोटी इकाई है जिससे हर चीज बनती है।

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