नई दिल्ली । जहरीले प्रदूषण पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली, हरियाणा और पंजाब की सरकारों को फटकार लगाते हुए दिल्ली एनसीआर में अगले एक हफ्ते तक किसी भी तरह के निर्माण पर रोक लगा दी है। साथ ही अगले 7 दिनों तक पत्थर तोड़ने और कूड़ा जलाने पर रोक लगा दी है। एनजीटी ने प्रदूषण पर सरकारों कहा कि पिहले 5 दिन में किसी राज्य ने कुछ नहीं किया, ये मामला जिन्दगी और मौत का है। सरकारों ने बच्चों को घर में कैद रहने पर मजबूर कर दिया है। एनजीटी ने दिल्ली में छाए धुएं की परत और प्रदूषण के मुद्दे पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए सवाल किया कि दिल्ली सरकार ने प्रदूषण पर काबू में करने के लिए क्या उपाय किये हैं। दिल्ली सरकार से एनजीटी ने पूछा, आप हेलिकाॅप्टर्स के बजाय क्रेनों से पानी का छिड़काव क्यों करा रहे हैं? आप मजाक कर रहे हो। जिस क्रेन को पानी के लिए इस्तेमाल किया जाता है। उसे आप छिड़काव के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। क्या यह खिलवाड़ नहीं है? क्या आपके कोई डेटा है जो इस बात की पुष्टि कर सके कि स्माॅग कम हुआ है?
एनजीटी ने कहा सब जानते हैं कि पटाखों और पफसलों के अवशेष जलने से प्रदूषण होता है। क्या आपने अगस्त-सितंबर में इस मद्देनजर कोई बैठक की? कोर्ट ने दिल्ली से पूछा- हम जानना चाहते हैं कि स्कूल बंद करने से पहले सर्वे किया गया था? इस बात का पता लगाया गया था कि घर के अंदर प्रदूषण है या बाहर? दिल्ली सरकार के वकील ने कोर्ट को जवाब दिया कि वह कदम उठा रही है। लेकिन कोर्ट ने सख्ती से पूछा कि पटाखों पर बैन के लिए जारी नोटिफिकेशन वह दिखाये। सिर्फ चीनी पटाखों के लिए नोटिफिकेशन जारी किए गए थे। कोर्ट ने पावर प्लांट का आॅडिट प्लान दिखाने के लिए कहा।
आदालत ने चालान पर कहा कि किसी का आपने 5 लाख का चालान काटा। आपने कितने चालान किए? अगर आप अभी डिपफेन्स काॅलोनी जाएंगे तो पाएंगे कि 10 बिल्डर कंस्ट्रक्शन कर रहे हैं।
एनजीटी आदालत ने दिल्ली सरकार पर सख्ती दिखाते हुए पूछा प्रदूषण नियंत्रण के लिए आपने क्या कदम उठाए हैं? दिवाली और फसल को जलाया जाना एक आम बात है, जिसकी जानकारी आपको थी लेकिन क्या आपने अगस्त और सितंबर में इसके साॅल्यूशन को निकालने के लिए बैठकें की। वहीं एनजीटी ने पंजाब सरकार से सवाल किया कि अगर आपने किसानों को 1 हजार रुपये भी दिये होते तो वे इस तरह फसलों के अवशेष न जलाते। पफसलों के अवशेष के निबटारे के लिए आपने कितने किसानों को मशीन दी है? एनजीटी ने पंजाब सरकार को भी नहीं बख्शा। पूछा, आपने खुले में फसलों के अवशेष जलाने का कोई विकल्प ढूंढा? अदालत ने पंजाब से पूछा आपने अगस्त से अभी तक क्या किया? एनजीटी के उस आदेश का क्या हुआ जिसमें कहा गया था कि मशीन खरीदी गई। कितनी मशीनें खरीदी गई? गरीब किसान को मशीनें दी या नहीं? क्योंकि गरीब किसान ही फसल खेत में जलाते हैं। उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं होता।
एनजीटी ने सवाल किया कि सरकारों ने विज्ञापन पर कितने खर्च किए? लोगों का जीवन पैसे से ज्यादा बहुमूल्य है। हरियाणा सरकार से पूछा कि आप बताएं कि आपके ऊपर कितनी राशि दंड के तौर पर लगाएं? आपने एनजीटी के फैसले का सम्मान नहीं किया। अदालत ने वकीलों से पूछा कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली राज्य के सेक्रेस्ट्री कहां हैं? दूसरी ओर दिल्ली में अगर कोई भी इमारत या मकान बनाया जाएगा या उसे तोड़ा जाएगा तो उसके मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। वहीं नगर निगम ने निर्देश दिया है कि स्कूल खुलने के बाद बच्चे खुले में प्रार्थना नहीं करेंगे।