खलंगा क्षेत्र में नौ हजार बेशकीमती पेड़ों की बलि देने पर जताया पुरजोर विरोध

Nine thousand precious trees sacrificed in Khalanga area
खलंगा क्षेत्र में पेड़ों का कटान करते हुए।

देहरादून। Nine thousand precious trees sacrificed in Khalanga area उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के चीफ मीडिया कोऑर्डिनेटर राजीव महर्षि ने सौंग वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के नाम पर खलंगा क्षेत्र के नौ हजार बेशकीमती साल के वृक्षों को काटने का तीव्र विरोध करते हुए प्रदेश की धामी सरकार को अब तक की सबसे बड़ी नासमझी और चूक करने वाली सरकार बताया है।

उन्होंने कहा कि विकास परियोजना के नाम पर सदियों पुराने साल के जंगल की बलि लेना ठीक वैसा ही है जैसा कोई नीम हकीम गुर्दा प्रत्यारोपण के नाम पर शरीर से फेफड़े काट दे। उसे यह पता ही नहीं है कि फेफड़े निकाल देने के बाद शरीर निर्जीव हो जायेगा।

महर्षि ने कहा कि हम विकास के विरोधी नहीं हैं लेकिन देहरादून में जिस तेजी से प्रदूषण बढ़ रहा है, उसकी रोकथाम यही जंगल कर रहे हैं और सरकार की नासमझी इसी से स्पष्ट हो जाती है कि वह इस जंगल को नेस्तनाबूत करने पर आमादा है।

महर्षि आज खुद खलंगा के लोगों द्वारा चलाए जा रहे विरोध प्रदर्शन को समर्थन देने मौके पर पहुंचे और उन्होंने लोगों को भरोसा दिया कि उनके आंदोलन में कांग्रेस पार्टी हरसंभव सहयोग देगी, क्योंकि यह सवाल देहरादून के अस्तित्व से जुड़ा हुआ है।

महर्षि ने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार बेशकीमती वृक्षों के बलिदान से पूर्व एक बार पुनर्विचार करने का कष्ट करे। वरना बाद में उसे पछतावे के सिवाय कुछ हाथ नहीं लगेगा। महर्षि के साथ अनेक कांग्रेसजन भी मौजूद थे।

उनमें मुख्य रूप से राम सिंह थापा पूर्व अध्यक्ष बलभद्र थापा स्मारक समिति, प्रभा शाह महासचिव बलभद्र समिति, बीना गुरुग उपाध्यक्ष बलभद्र समिति, सचिन त्रिवेदी पूर्व उपाध्यक्ष डीएवी पीजी कॉलेज, परितोष सिंह उपाध्यक्ष देव पीजी कॉलेज, विकास नेगी सचिव, युवा कांग्रेस के सागर सेमवाल विधानसभा अध्यक्ष राजपुर यूथ कांग्रेस, पुलकित चौधरी, हरीश जोशी, अभिनय बिष्ट अखिल, शरद, आदर्श सचिन डोभाल अंकित सिसोदिया आदि शामिल थे।

क्या महाराज चारों पीठों के शंकराचार्यों-महामंडेलेश्वरों को भी हिंदू नहीं मानते : कांग्रेस
पीएम ऋषिकेश आये पर अंकिता हत्याकांड पर एक शब्द भी नहीं बोले : गुनसोला
वर्तमान लोकसभा चुनाव में सोशल मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका : शैलजा