नई दिल्ली । नोटबंदी के बाद बंद हो चुके 500 और 1000 रुपये के पुराने 10 से अधिक नोट 31 मार्च, 2017 के बाद रखने पर आर्थिक दंड के अलावा सजा भी हो सकती है। केंद्र सरकार ने नोटबंदी के बाद एक और सख्त कदम उठाते हुए बुधवार को इस आशय के एक अध्यादेश को मंजूरी दी है। अध्यादेश का नाम द स्पेसिफाइड बैंक नोट्स केसेशन आॅफ लायबिलिटीज आॅर्डिनेंस रखा गया है।
गौरतलब है कि 8 नवंबर को राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि 500 और 1,000 रुपए के नोट विमुद्रीकृत कर दिए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों पर केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक की धारक के प्रति देयता को खत्म करने वाले उपरोक्त अध्यादेश को मंजूरी दे दी। इसमें 10 से अधिक 500 और 1000 रुपये के नोट रखने पर लोगों पर 50 हजार रुपये तक का जुर्माना, या बरामद रकम का 5 गुना जुर्माना होगा और कुछ मामलों में 4 साल तक की जेल की सजा भी होगी।
उल्लेखनीय है कि पूर्व फैसले के अनुसार बंद हुए 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट 31 मार्च 2017 तक घोषणा पत्र के साथ रिजर्व बैंक में जमा कराये जा सकते हैं। 30 दिसंबर के बाद पुराने नोट जमा करने से पहले ये बताना होगा कि आखिर अब तक नोट क्यों नहीं जमा किया? साथ ही खुद अगर रिजर्व बैंक नहीं पहुंच सकते तो डाक के जरिये पुराने नोट और साथ में घोषणापत्र भेज सकते हैं। घोषणापत्र में ये बताना होगा कि खुद क्यों नहीं आए, और अब तक नोट क्यों नहीं जमा किए। रिजर्व बैंक आपकी दलीलों से सहमत नहीं हुआ तो पुराने नोट को नकार भी सकता है। मंत्रिमंडल ने आज पारित अध्यादेश में इस तिथि के बाद बंद हुए 500 और 1000 के 10 नोटों से ज्यादा मिलने पर सजा का प्रावधान किया है।