अब दिल से खोले कम्प्यूटर

heart lock

न्यूयॉर्क। एक नया कंप्यूटर सिक्योरिटी सिस्टम अब फिंगरप्रिंट, पासवर्ड या आंख की संरचना के बजाय दिल के जरिये खुलेगा और बंद किया जा सकेगा। यह सिस्टम निम्न-स्तर वाले डॉप्लर रिडर के माध्यम से किसी के दिल और साईज को नाप कर अपने पास सेफ कर लेता है और इसके बाद स्थायी रूप से आपके दिल को नोट करते हुये किसी दूसरे को आपके सिस्टम में घुसने नहीं देगा।

इसके प्रशंसक अपने प्रणाली का व्यावहारिक प्रदर्शन इस साल 23 अक्टूबर को मोबाइल कंप्यूटिंग की वार्षिक सम्मेलन में करेंगे। विशेषज्ञों के मुताबिक लाॅगिंग के लिए यह प्रणाली किसी भी बायोमेट्रिक सिस्टम से कई गुना प्रभावी और सुरक्षित है जिसे मोबाइल फोन से लेकर एयरपोर्ट तक में उपयोग किया जा सकता है।
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कंप्यूटर के लिए दिल का लॉक बनाने वाले इंजीनियर विनेयाजो का संबंध बफेलो यूनिवर्सिटी से है जहां वह कंप्यूटर साइंस पढ़ाते हैं। उन्होंने अपने शोध पत्र में लिखा है कि लाॅगिंग और लाॅगआॅफ होने की परंपरा मुश्किल और असुरक्षित हैं। हमारी प्रणाली में वाईफाई से भी कम तीव्रता का सिंगनल पैदा होते हैं जो किसी भी तरह सेहत को प्रभावित नहीं करते। इस में रीडर केवल पांच मिली वाॅट बिजली उत्पन्न करता है, जो स्मार्टफोन से पाई जाने वाली रेडिएशन का सिर्फ एक प्रतिशत है।
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मशीन पहली बार दिन को स्कैन करने के लिए केवल 8 सेकंड लगाती हैं और इसके बाद तुरंत लाॅग आॅन और लाॅग आॅफ हो जाता है। इसे बनाने में तीन साल का समय लगा है जो दिल के आकलन, आकार और रूप का अंदाजा लगाता है इसके अलावा दिन की हरकत और सिकुड़ने फैलने को भी नोट करता है। जो कि दुनिया के अनुसार अब किसी दो व्यक्तियों के दिल आपस में एक सा नहीं होता और जब तक दिल की कोई बीमारी न हो दिल पूरी जिंदगी अपना आकार बरकरार रखता है।
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यद्यपि दिल की बारिकी सरगर्मियों में से दिल के बॉयोमीट्रिक सिस्टम एक अर्से से उपयोग हो रहे हैं लेकिन अब तक दिल की ज्योमेट्री से रिमोट डिवाइस से खोल व बंद करना संभव हो गया है। अगले चरण में कम्प्यूटर के साथ एक छोटा सा सिस्टम स्थापित करने की योजना बनाया गया है जो दिल की सख्त नोट करके बतौर पासवर्ड रीडर उपयोग हो सकेगा। इस उपकरण को अधिक बेहतर बनाकर 30 मीटर की दूरी से भी उपयोग किया जा सकता है और इस तरह एयरपोर्ट सिक्योरिटी के लिए भी उपयुक्त है।