स्तनपान से बच्चे का आई.क्यू. अच्छी तरह विकसित होता

Organizing Awareness Seminar
गोष्ठी को संबोधित करते समाजसेवी योगेश अग्रवाल।

Organizing Awareness Seminar

देहरादून। Organizing Awareness Seminar विश्व स्तनपान सप्ताह (1-7 अगस्त) के तहत शनिवार को सोसाइटी फाॅर हैल्थ, ऐजूकेशन एंड वूमैन इमपावरमेन्ट ऐवेरनेस (सेवा) जाखन एवं लायंस क्लब देहरादून ग्रेटर द्वारा बेसिक प्राइमरी पाठशाला राजपुर देहरादून स्तनपान ओरिएंटेशन कार्यशाला का आयोजन किया गया।

सोसाइटी द्वारा स्तनपान की महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने एवं शिशुओं को कुपोषण से बचाने के लिए इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता 100 अचीवर्स ऑफ इंडिया राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित लायन डाॅ0 सुजाता संजय स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ द्वारा काॅलेज के मेडिकल छात्र-छात्राओं को स्तनपान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां दी।

कार्यक्रम का शुभारम्भ क्लब के अध्यक्ष लायन योगेश अग्रवाल ने किया। डाॅ0 सुजाता संजय ने माताओं एवं गर्भवती महिलाओं को स्तनपान के महत्व के बारे में बताया कि मातृत्व स्त्री के जीवन की संपूर्णता एवं सार्थकता समझी जाती है। मां का दूध, जिसमें बच्चे को पोषण मिलता है, उसकी बीमारियों से रक्षा होती है।

शिशु के लिए माँ का दूध अमृत के समान होता है। माँ के दूध से शिशु कुपोषण के साथ-साथ रोगों से लड़ने की शक्ति भी मिलती है। पहले छः महीने तक बच्चों को केवल स्तनपान पर ही निर्भर रखना चाहिए। सुपाच्य होने के कारण माँ के दूध से शिशु के जीवन के लिए जरूरी है। इतना ही नहीं स्तनपान सिर्फ आपके शिशु के लिए ही नहीं बल्कि आपके लिए भी फायदेमंद है।

माँ का दूध शिशु को जरूर पिलाना चाहिए

स्तनपान कराने वाली महिलाएं रोगमुक्त रहती है। माँ का दूध बच्चे को जीवन में सिर्फ एक बार ही मिलता है। इसे शिशु को जरूर पिलाना चाहिए। कामकाजी महिलाओं को स्तनपान करवाने के लिए संस्था के तरफ से छूट होनी चाहिए ताकि वह बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग करा सके।

मां का दूध छोटे बच्चे के लिए तो सर्वोत्तम आहार है ही, स्तनपान मां के लिए भी बहुत लाभकारी है। शिशु को पहले छः महीने तक केवल माँ का दूध दिया जाना बेहद जरूरी होता है। माँ के दूध में सभी पोषक तत्व बिल्कुल सही अनुपात में होते हैं, इसका कोई विकल्प हो ही नहीं सकता। गर्भावस्था में माॅओं के शरीर में प्रारंभ में जो दुध  बनता है, वह कोलोस्ट्रम कहलाता है।

कोलोस्ट्रम ऐसे पोषकों तथा एंटीबाॅडीज़ से समृद्ध होता है, जो शिशु को संक्रमणों तथा अन्य रोगों से रक्षा करता है। डाॅ0 सुजाता संजय ने कहा कि माँ का दूध, आपके शिशु के लिए परिपूर्ण आहार है। माँ का दूध सुपाच्य होता है जिससे यह शिशु को पेट सम्बन्धी गड़बड़ियों से बचाता है।

स्तनपान शिशु की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी सहायक होता है। स्तनपान से दमा और कान सम्बन्धी बीमारियाँ नियंत्रित रहती हैं, क्योंकि माँ का दूध शिशु की नाक और गले में प्रतिरोधी त्वचा बना देता है। स्तनपान से जीवन के बाद के चरणों में उदर व श्वसन तंत्र के रोग, रक्त कैंसर, मधुमेह तथा उच्च रक्तचाप का खतरा कम हो जाता है।

माँ और उसके शिशु के बीच भावनात्मक रिश्ता प्रगाढ़ होता

स्तनपान से शिशु की बौद्धिक क्षमता भी बढ़ती है क्योंकि स्तनपान कराने वाली माँ और उसके शिशु के बीच भावनात्मक रिश्ता प्रगाढ़ होता है। लम्बे समय तक स्तनपान करने वाले बच्चे बाद के जीवन में उतने ही अधिक समय तक मोटापे से बचे रह सकते हैं।

लायन क्लब के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने इस कार्यक्रम का संचालन करते हुए बताया कि लायंस क्लब ग्रेटर का उद्देश्य इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से समाज को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है जो कि स्वस्थ समाज का निर्माण हो सके।

इस कार्यक्रम में लायन क्लब के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल  के साथ विद्यालय की प्रधानाचार्य संध्या मल, क्लब के सचिव लायन हेमलाल गर्ग, कोषाध्यक्ष कपिल चौधरी, संयोजक लायन डाॅ0 प्रतीक उपस्थित रहे।

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