अगर आपको कभी कान में दर्द की शिकायत हो तो अच्छी तरह जानते होंगे कि वह कितना दर्दनाक होता है। कान में दर्द के कई कारण हो सकता है, जैसे टोंसील, नाक के अंदरूनी हिस्से में इंफेक्शन, केविटेज और कान का मेल आदि।
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आमतौर पर, इस तरह के दर्द का सबसे साधारण संक्रमण कान के बीच हिस्से को निशाना बनाता है, जिसके परिणाम में इस अंग का मध्य भाग सूज या फुल जाता है और वहां भर जाने वाले मवाद की वजह से तकलीफ होती है। कान में दर्द अक्सर बुखार, फ्लू या सुनने में मामुली समस्या जैसे लक्षण के साथ सामने आता है।
बच्चों में यह समस्या ज्यादा होता है मगर बड़े भी इसका शिकार हो सकते हैं और आमतौर पर एंटी बाॅयोटिकस का उपयोग ज्यादा होता है जिससे परहेज करना चाहिए। लेकिन अच्छी खबर यह है कि आपके रसोईघर में बहुत कुछ ऐसा है जो कान के दर्द में आराम दिलाता है।
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लहसुन
लहसुन की दो पोटियां पीस लें और दो चाये के चम्मच मस्टर्ड आॅयल में मिक्स कर लें। फिर इस मिक्सचर को उस वक्त तक गर्म करें जब तक लहसुन का रंग हल्का सा काला न हो जाये, इसे ठंडा होने दें और फिर चंद बूंदें प्रभावित कान में टपकायें, लहसुन की सुन कर देने वाली खासियत दर्द में अराम देंगी।
तुलसी के पत्तों का अर्क
एक और प्राकृतिक नुस्खा तुलसी के पत्तों का अर्क है, कुछ पत्तों को पीसलें और निकलने वाले अर्क से प्रभावित कान का इलाज करें, लेकिन उपयोग से पहले अर्क को अच्छी तरह हिला जरूरी लें।
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सेब का सिरका
कुछ मात्रा में इस सिरके को गर्म करें और प्रभावित हिस्से में रूई की मदद से लगायें, इस सिरके को पानी में मिक्स करें भी उपयोग किया जा सकता है। रूई सिरके में भिंगो कर इसे कान के अंदर रख दें और पांच मिनट के लिए छोड़ दें। जीवाणु और एंटी फंगल होने की वजह से यह सिरके कान की तकलीफ में कभी लाने में मदद देता है।
नमक
नमक की कुछ मात्रा को हल्की आंच पर गर्म करें और फिर रूई को इस पर फेरें, फिर इस रूई को कान में बस मिनट के लिए लगा रहने दें, नमक कान के अंदर मौजूद समान को खींच लेगा और सूजन कम हा जायेगी।
नोट:- यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है इस विषय में संबंधित चिकित्सक को जरूर सुझाव लें।