संवाददाता
इलाहाबाद। बहुत कम ही लोग ऐसे से होते है कि समाज में जो दूसरों के लिए जीते है जिनका अपना कुछ होता ही नही। उन्हें तों मात्र एक ही धुन और लग्न हुआ करती है कि किस तरह से लोक कल्याण और समाज सेवा के कार्य उनके शरीर से होते रहे वे जीते तो सदैव दूसरो के लिए अपने लिए नही। ऐसे ही लोगों में एक नाम है जिला इलाहाबाद के नैनी क्षेत्र में जन्मा और पला पतविन्दर सिह इलाहाबाद जिला युवा पुरस्कार ,सातवें रेड एण्ड व्हाइट बहादुरी पुरस्कार से सम्मानित पतविन्दर सिह 13वर्ष की अल्प आयु से ही इस युवा के मन मे समाज सेवा के क्षेत्र मे उतर कर बरबस ही सबको अपनी ओर आकर्षित किया ।
जिसने समाज सेवा का व्रत लिया फिर ये नही देखा कि लोग क्या कहेगे। ऐसे लोग अपनी घुन और घ्यान के पक्के होते है और निकल पडते है कर्तव्य पथ पर और पहुॅेच जाते है शनै -शनै अपनी मंजिल पर शोषित पीडित जनता के दर्द को बन्द कमरे में नही बल्कि उनके बीच खडे होकर उनके दर्द मे शामिल होकर समझा जा सकता है यह कहना है कि आज के युवा मन की घडकन पतविन्दर सिह का। जनसंख्या नियन्त्रण , पर्यावरण संरक्षण,मतदाताओ में जागरूकता ,नशे से परहेज , गंगा नदी की स्वच्छता जैसे लोक कल्याणकारी जैसे कार्यक्रमों मे सक्रिय भागीदारी निभानें के लिए पतविन्दर सिह प्रयासरत है अपने संपेदनशील और शांतिमय आन्दोलन के साथ।
सैफियन्ट संस्थापन व ’बाबी युवा क्लब ’ और कई सस्थानो से जुडे हुए है जिसके माध्यम से समाज मे करूणा तथा निष्ठा के साथ वे समाज के दबे कुचले अपंग तथा घ्ृणित समझे जाने वाले रोगो से ग्रसत लोगो के बीच मम्तत्व बाट रहे है, वृहद साक्षरता अभियान विकलाग नेत्रहीन कुष्ठ रोगियों को कम्बल आदि विचित्र करना वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाए , शिक्षा के क्षेत्र मे समान्यज्ञान प्रतियोगिता करना विभिन्न समाजिक कार्यो के माध्यम से जागृत पैदा करना इनका लक्ष्य है।
पतविन्दर सिह ने दहेज लोभियो के खिलाफ जन -जागरण का काम किया एडस जैसी घातक बीमारी से बचने के लिए उन्होने अपने भरसक प्रयास करके लोगेा को आग्रह किया सडक सुरक्षा के लिए व्यकितयो मे उन्होने अपने भरसक प्रयास करके लोगो को आग्रह किया सडक सुरक्षा के लिए व्यकितयो मे जागरूकता पैदा की गई फोल्डर वितरण करके जनसम्पर्क किया पर्यावरण की रक्षा को वह जीवन रक्षा के रूप मे देखते है पतविन्दर सिह हर वर्ष जगह -जगह वृक्षारोपण करते है करवाते है पर्यावरण के प्रति जन चेतना जागरूक करते है बाल शिक्षा एंव अनौपचारिक शिक्षा मे सम्पर्क करके नामाकित करवाया और विद्यालय न जाने वाले बालको को समझाया और दीवार लेखन से वातावरण को सृजित करते रहते है। गरीबी उन्मूलन के प्रति ग्रामीण एंव मलिन बस्तियो मे जागरूकता अभियान चलाया युवा शक्ति को रचनात्मक कार्यो को प्रोत्साहित किया जि समे लाभार्थियो की सही पहचान करके स्थानीय ग्रामीण विकास विभाग जाने के लिए प्रेरित किया । परिवार कल्याण के प्रति मलिन बस्तियो , ग्रामीण को परिवार कल्याण की आवश्यकता के बारे मे जागरूक किया कि सही उम्र मे शादी , सही उम्र मे शिशु किशोरियो को सही पौष्टिक आहार आदि जानकारी देते है।
4मार्च 1998 को स्थायी सरकार के लिए अपने खून से लोकसभा अघ्यक्ष को पत्र लिखा । पश्चिमी सभ्यता की ओर तेजी से अग्रसर हमारा समाज मे अभी कुछ ऐसे युवा वर्ग के चलते अपनी पहचान बनाये रखने मे सक्षम है जिन्हे तडक भडक वाली सस्कृति के बजाए देशहित मे कुछ कर गुजरने की ललक है। अगस्त माह 1998 को राष्ट्रीय एकता एवम अखण्डता के लिए देश भक्ति सदेश अपने खून से अपनी टी शर्ट मे लिखकर तपती धूप मे श्हर ग्रामीण क्षेत्रो का भ्रमण करते हुये 12 अगस्त को जिला कचहरी मे उपवास रखा। पतविन्दर सिह कहते है कि राजनीतिक अपराघकरण बडी तेजी के साथ हुआ है मतदाताओं मे जागरूकता का आभाव है अन्धी सुरंगो से सने गुथे इस माहौल मे अपनी पुरानी साइकिल पर सवार सैफियन्ट सस्थापन के पतविन्दर सिह अपनी साइकिल पर सवार अपने कपडो वा कागज के टुकडो पर अकित लोक कल्याण के स्लोगन लिख घूम रहें होते है।
इनका कहना है कि वह लोकतन्त्र को अपराधियो से मुक्त देखना चाहते है।
नशीली दवाओं के दुरूपयोग तथा तस्करी के विरूद्ध अन्तर्राष्टीय दिवस पर जिसम सैफियन्ट के पतविन्दर सिह ने अपने शरीर पर वस्त्र नही पैर में चप्पल नही पूरे शरीर मे स्लोगन लिख नशीली पदार्थो के सेवन करने की दूरदर्शिता का बहुत्तम सुन्दर और मनोहर चित्रण प्रस्तुत करता हुआ इलाहाबाद का भ्रमण करके उसने यही ज्योति जगाने का पगयास किया कि पूरे भरत वर्षमे पूर्ण नशाबन्दी लागू हो , पूर्ण प्शबन्दी से युवा पीढी की उर्जा देश के विकास मे लगेगी।
गंगा नदी की पवित्रता तथा स्वच्छता पर माघ मेले मे आये भक्तगणो का ध्यान आकर्षित करने के लिये सैफियन्ट सस्थापन के पतविन्दर सिह ने अनोखे ढंग की वेशभूषा मे रहते हुए घूम -घूम कर कूडाकचडा बिन बिनकर झोले मे इकटठा करते और बीच -बीच मे जनमानस को यह संदेश देते कि प्राचीन शास्त्रो में गंगा हमारी माॅ है तथाआज भी बुजुर्ग मरने से पूर्व अपने मुख मे गंगा जल ही चखने के बाद प्राण त्यागना पंसद करते है पर आज क्या वाकई गंगा इस योग्य है ?
पोलियो उन्मूलन जन जागरण अभियान के नेतृत्व किया इस अभियान में शरीर पर जगह-जगह ‘‘पोलियो भगायें ,ड्राप पिलाये ‘‘ का नारा लिखे थे जो इलाहाबाद से प्रारम्भ होकर लखनऊ विधान सभा के समक्ष सम्पन्न हुआ। कारगिल मे पाकिस्तानी घुसपैठ के विरोध मे नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के समीप 22जून को पाक विरोधी नारे लिख कर अनोखा प्रदर्शन किया पैरो मे पडे छालो से बेखबर पतविन्दर सिह मे देश प्रेम का लल्बा देखकर लोगो ने दाॅतो तले अंगुली दबा ली ।
लखनऊ विधान सभा के समीप भारतीय सैनिको के हौसला अफजाईके उद्देशय से 7 जुलाई को अर्द्ध नग्न शरीर पर नारो से लिखकर ( वीर जवानो तुम्हे प्रणाम ,सारा देश आप के साथ ) के नारे अपने नग्न शरीर पर लिखे यु़द्ध लड रहे भरतीय सैनिको के हौसला अफजाई करने की अपील की ।
देश में पुरूषों के मुकाबले महिलाओ की घट रही संख्या को ध्यान रखते हुये कन्या भ्रूण हत्या कों रोकने के बारे में जाग्रत करने के लिए फोल्डर वितरण कर इलाहाबाद ,लखनऊ ,चडीगढ. , में जन सम्पर्क व प्रदर्शन कर दिवार लेखन से वातावरण को सृजित करते रहते है।
गुजरात ,उडीसा के तटवर्ती सौराष्ट्र क्षेत्रो मे आये चक्रवर्ती तुुुफान में प्रभावित लोगो को मदद करने के लिए अपील कर जिलाधिकारी के माध्यम से राहत सामग्री भेजी । पतविन्दर सिह का कहना है कि आज का युवक कुछ कुट हो गया है उसका दिल निराशा से भर गया है मानव शक्ति का यह धन व्यर्थ जा रहा है क्योकि उसे कोई मार्ग नही मिल रहा है । जिसके लिये जीने मे मजा आये मरने का गौरव हासिल हो। वे कहते है मानव संसाधन हमारी सबसे बडी शकित है क्योकि वे कल के भविष्य निर्माता है युवा वर्ग स्वैच्छिक सहयोग से किस्मत बदले इसके लिये युवा वर्ग को प्रेरणा देने वाले पाठयक्रम की जरूरत है।
शनि केशरी