अब घर बैठे ही असानी से इस सॉफ्टवेयर से करे ‘पार्किंसंस’ की पहचान

parkinson disease

ऐसा कहा जाता है कि समय पर पहचान नह होने की वजह से कई लोग अपनी जिंदगी की बाजी हार जाते हैं।  या उनके इलाज में मुश्किले आती हैं। देर से जानने के बाद, उपचार में कोई फायदा न देने वाली बीमारी में ‘पार्किंसंस’ की भी गिनती होती हैं। ‘पार्किंसंस’ एक तंत्रिका रोग है, जिसका सीधे मानव मन और शरीर से सीधे संबंध होता है।
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शुरूआती रूप में इस बीमारी में हाथ और शरीर के अन्य हिस्से कांपने लगते हैं। हालांकि, विशेषज्ञ अब इस बीमारी की पहचान करने के लिए एक एसा आम तरीका तलाशने का दावा किया हैं, जो न तो इतना महंगा है और न ही इसके लिए किसी भी बड़े डॉक्टर या अस्पताल जाने की जरूरत पड़ेगी। ऑस्ट्रेलियाई विशेषज्ञों ने एक ड्राइंग सॉफ्टवेयर विकसित किया है, जिस पर एक पैन की मदद से ड्राइंग करने से ‘पार्किन्सन’ की पहचान की जा सकेगी।
parkinson drwing
ऑस्ट्रेलिया की आरएमआईटी विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने एक ऐसा ड्राइंग सॉफ्टवेयर विकसित किया है, जिसमें स्केनर की तरह एक अलग उपकरण स्थपित किया जाता है, जिसके उपर एक खास प्रकार के कागज से बनी वाले शीट रखी जाती है और उस कागज पर एक विशेष पेंसिल के द्वारा सादा ड्राइंग बनाया जाता है। विज्ञान जर्नल फ्रंटियर ऑफ न्यूरोलॉजी में प्रकाशित लेख के अनुसार, विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने इस नए ड्राइंग सॉफ्टवेयर पर 55 लोगों पर अनुभव किया, जिनमें से 27 लोग ‘पार्किंसंस’ के प्रारंभिक लक्षण पाए गये।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि सॉफ्टवेयर पर ड्राइंग करने के दौरान टेस्ट देने वाले शख्स के दबाव, ड्राइंग के अंदाज और उसकी तरफ से पेंसिल को दिये जाने वाले जोर समेत अन्य चीजों का विश्लेषण करने के बाद सॉफ्टवेयर ‘पार्किंसंस’ की तरफ इशारा करता है। रिपोर्ट के अनुसार, ड्राइंग सॉफ्टवेयर के द्वारा ‘पार्किंसंस’ की शुरूआती लक्षण या रोग के शुरू होने का पता लगाया जा सकेगा।
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सॉफ्टवेयर केवल परीक्षण के परिणाम में ये बतायेंगा कि परीक्षण देने वाले व्यक्ति को ‘पार्किंसंस’ है। यह नहीं बतायेगा कि उनकी बीमारी किस स्टेज तक बढ़ चुकि है। ड्राइंग सॉफ्टवेयर तैयार करने वाले विशेषज्ञों के मुताबिक इस खास सॉफ्टवेयर को चलाने के लिए किसी बड़े और प्रशिक्षित डॉक्टर या अस्पताल की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसे समझने के बाद कोई भी घर बैठे ही चला सकेगा। और टेस्ट के परिणाम आसानी से समझे जा सकेंगे।
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