चंडीगढ़, । जाट आरक्षण की मांग को लेकर हरियाणा व उत्तर प्रदेश के जाट समुदाय के लोग दो मार्च को संसद का घेराव करेंगे। यही नहीं इसके पहले 26 फरवरी को जाट समुदाय के लोग एक दिन के लिए दिल्ली का दूध बंद करेंगे। इसी दिन जाट प्रतिनिधि मंडल अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रपति को ज्ञापन भी सौंपेगा। यह घोषणा रविवार को सोनीपत के गोहाना लाठजोली गांव के चौक पर आंदोलनकारियों को सम्बोधित करते हुए यशपाल मलिक ने की।
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि जाट समाज के साथ वर्षों से अन्याय हो रहा है। समाज आज आर्थिक व सामाजिक और राजनीतिक रूप से पिछड़ा हुआ है। जाट समाज के लोग अपने हक की मांग कर रहे हैं। जब तक उन्हें अपना हक नहीं मिल जाता है। तब तक जाट आंदोलनकारी पीछे नहीं हटेंगे। गौरतलब है कि हरियाणा में 29 जनवरी से 19 जिलों में जाट समुदाय के लोग आरक्षण समेत छह मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं। आंदोलनकारियों द्वारा 19 फरवरी को सभी धरना स्थलों पर बलिदान दिवस मनाया जा रहा है। धरना स्थलों पर सुबह से ही हवन कर जाट आरक्षण आंदोलन में मारे गए युवकों व लोगों को श्रद्धांजलि दी जा रही है।
इस अवसर पर धरना स्थलों पर भीड़ जुटा कर जाट नेता सरकार को अपनी शक्ति का प्रदर्शन भी कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ प्रशासन द्वारा आंदोलनकारियों द्वारा मनाए जा रहे बलिदान दिवस को देखते हुए सुरक्षा के कड़े कदम उठाए गए हैं। कई जिलों में अपफवाहों पर विराम लगाने के लिए एहतियात के तहत इंटरनेट सेवाएं बन कर दी गई हैं। जिससे की सोशल मीडिया पर अफवाएं न फैलायी जा सकें। यही नहीं सभी प्रमुख राजमार्गों व रेलवे लाइन तथा धरना स्थलों पर पुलिस व अर्द्धसैनिक बलों के जवान तैनात हैं। किसी भी आपात स्थिति के लिए प्रत्येक जिले में रिजर्व पफोर्स रखा गया है। उनके पास उस क्षेत्र का मैप भी उपलब्ध है। जिससे की वह किसी भी आपात स्थिति में तुरंत घटना स्थल पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित कर सकें।