पिथौरागढ़ उपचुनाव : भाजपा-कांग्रेस में माथा-पच्ची

Pithoragarh Assembly seat by-election

Pithoragarh Assembly seat by-election

देहरादून। Pithoragarh Assembly seat by-election पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर राज्य के दोनों प्रमुख राजनीतिक दल चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। बीजेपी-कांग्रेस का प्रत्याशी कौन होगा ? इसको लेकर अभी तक भी दोनों ही दल अपनी-अपनी स्थिति साफ नहीं कर पाए हैं।

बताया जा रहा है कि भाजपा के प्रत्याशी का चयन दिल्ली से होगा तो वहीं कांग्रेस में भी ऊहा-पोह की स्थिति बनी हुई है। कुल मिलाकर कहा जाये तो दोनों ही दलों में प्रत्याशी चयन को लेकर माथा-पच्ची हो रही है।          

पिथौरागढ़ में चार हफ्ते बाद होने वाले उपचुनाव के मतदान से पहले दोनों पार्टियों के सामने बड़ी चुनौती प्रत्याशियों के चयन की है। बीजेपी के लिए यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हरियाणा में पार्टी के कई कैबिनेट मंत्री चुनाव हार गए हैं।

इसका अर्थ यह हुआ कि कमल अब जीत की गारंटी नहीं है, प्रत्याशी का चयन संभलकर करना होगा। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट कहते हैं कि पार्टी उम्मीदवार के चयन के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करेगी।

बीजेपी फिलहाल उम्मीदवार के नाम पर पत्ते नहीं खोलना चाहती

राज्य से तीन नामों का पैनल तैयार कर केंद्रीय नेतृत्व को भेजा जाएगा। आखिरी फैसला दिल्ली से होगा। बीजेपी फिलहाल उम्मीदवार के नाम पर पत्ते नहीं खोलना चाहती तो वहीं कांग्रेस पूर्व विधायक मयूख महर को मजबूत दावेदार बता रही है।          

सूत्रों के अनुसार मयूख महर पहले चुनाव लड़ने से अनिच्छा जाहिर कर चुके हैं- अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी कह रहे हैं कि मयूख महर की हां-ना के बाद ही पार्टी कोई फैसला करेगी।

2018 में थराली का उप-चुनाव तो बीजेपी ने जीता था लेकिन तब और अब की परिस्थितियों में बहुत अंतर आ गया है। पंचायत चुनाव में बीजेपी को बहुत अच्छी जीत नहीं मिली है और पार्टी निर्दलियों के बाद दूसरे नंबर पर रही है, इसलिए भी पार्टी संभलकर चल रही है।

दूसरी तरफ हालिया चुनाव परिणामों से कांग्रेस में उत्साह का संचार हुआ है और अब वह नए जोश के साथ मैदान में है।

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