ऊधमसिंहनगर। उत्तरप्रदेश की सीमा से महज कुछ दूर मौजूद पुलभट्टा थाना जरूरी सहूलियतों से अब तक महरूम है। जबकि पूरा जिला संवेदनशील है बावजूद इसके सरकार और पुलिस महकमा अपनी जवानों की सहूलियतों के प्रति लापरवाह है।
जिले की किच्छा विधानसभा क्षेत्र के पुलभट्टा थाने को बने हुए तीन साल हो गए हैं बावजूद सहूलियतों के आभाव में थाने का सारा काम चैकी से ही हो रहा है। पुलभट्टा थाना में तैनात 1 एसओ, 5 दरोगा, 7 महिला कास्टेबल समेत 16 पुरूष कास्टेबल भी तैनात हैं। जबकि थाने में जवानों को रहने के लिए दो बैरक, एक एएसओ दफ्रतर, छोटा मेस, एक कंप्यूटर कक्ष हैं। ऐसे में अधिकांश जवानों को थाने से बाहर किराए के कमरों ओर होटलों में रुकना पड़ रहा है।
उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश की सीमा सिर्फ 500 मीटर दूरी और नेपाल जैसे देश की सीमा से कुछ दूर बने जिस थाने को तमाम सहूलियतों से लबरेज होना चाहिए था|
वहां अभी जवानों के लिए ही सहूलियत नहीं है। जबकि क्षेत्र तस्करी के लिहाज से काफी संवेदनशील है। फिर चाहे नशे की तस्करी हो, फर्जी करेंसी या मानव तस्करी या फिर हथियारों की तस्करी। बावजूद इसके पुलभट्टा थाने में तैनात जवान हर जुर्म का मुकाबला बहादुरी से करते हैं। कभी सहूलियतों का रोना नहीं रोते लेकिन सवाल ये है कि बेशक डड्ढूटी पर तैनात जवान अपनी सहूलियतों के लिए अपना मुंह न खोले लेकिन सरकार और महकमे का जवानों के प्रति फर्ज तो बनता है।
हालांकि मीडिया के सवाल उठाने के बाद अधिकारियों ने पुलभट्टा थाने में सहूलियतों की कमी को स्वीकार किया और जल्द ही थाने के लिए आवंटित जमीन पर जल्द नए भवन के निर्माण की बात कही। ऐसे मे उम्मीद है कि सरकार अपने पुलिस के बहादुर जवानों की अनदेखी नहीं करेगी।