चमोली, । जल संचय, जल संरक्षण-सम्र्वद्धन के लिए 25 मई को ‘‘जल दिवस‘‘ जिले में धूमधाम से मनाया गया। जल दिवस पर जिला पंचायत सभागार में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में पर्यटन, तीर्थाटन एवं जनपद के प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभांरभ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्षा मुन्नी देवी शाह ने की। जल संचय जागरूकता अभियान के तहत कुण्ड स्थित वन चेतना केन्द्र में वृक्षारोपएण किया गया। वही जीजीआईसी के छात्र-छात्राओं ने जन जागरूकता रैली निकालकर जल संचय के प्रति लोगों को जागरूक किया। जल दिवस का शुभांरभ करते हुए प्रभारी मंत्री ने कहा कि जलस्रोतों में हो रहे पानी की कमी एवं जनसंख्या वृद्वि को देखते हुए जल संचय, संरक्षण एवं संर्वद्वन जरूरी है।
कहा कि सभी लोग पानी का अपव्यय रोककर, पानी की खपत में कमी करके, भूमिगत जल भण्डार को रिर्चाज करके तथा वर्षा जल को रोककर जल संचय एवं पर्यावरण संतुलन में बहुमूल्य योगदान कर सकते है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में पानी है। पहाड़ों में पानी को रोककर जल संचय की आवश्यकता है। जल संरक्षण के लिए अधिक से अधिक चाल-खाल एवं तालाबों को बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने वन विभाग तथा जल से जुड़े विभागों को इस योजना पर गम्भीरता से कार्य करने को कहा। कहा कि पानी की कमी से निरन्तर सूख रहे नौले धारों के कारण गांवों से पलायन हो रहा है। सूख रहे नौले-धारों का सुधारीकरण किया जाना चाहिए इसके लिए सभी की सहभागिता जरूरी है। प्रभारी मंत्री ने कहा कि जल संचय के लिए और अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने तथा जंगलों के सम्र्वद्धन की आवश्यकता है। कहा कि हिमालय के ग्लेशियर व प्रदेश के जंगल शिव की जटाओं के समान है जो अपने में जल का आपार भण्डार समाये हुए है।
थराली विधायक मगन लाल शाह ने जल संस्थान, जल निगम एवं जल से जुड़े अन्य विभागों को आपसी समन्वय बनाकर जल संचय के प्रति ठोस रणनीति के साथ कार्य करने की बात कही। कहा कि नगर क्षेत्रों में पानी की लिकेज से हर रोज पानी की हो रही बरबादी को रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में पानी की लिकेज हो रही है संबधित क्षेत्र में लिकेज रोकने के लिए एई, जेई की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए और समय-सयम पर माॅनिटरिंग भी की जानी आवश्यक है। ताकि पानी की बरबादी को रोका जा सके। बद्रीनाथ विधायक महेन्द्र भट्ट ने कहा कि जल संचय के लिए हमें स्वयं जागरूक होकर अन्य लोगों को भी प्रेरित करना होगा। कहा कि जब तक जन सहभागिता नही होगी तब तक सरकारी योजनाऐं सफल नही होगी। उन्होंने कहा कि लम्बे समय तक चलने वाली योजनाऐं बनायी जानी चाहिए। जिलाधिकारी आशीष जोशी ने जल संचय-जल संरक्षण एवं सम्र्वद्धन के तहत जिले में संचालित कार्यो की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जल सम्र्वद्धन हेतु 1068 चाल-खाल एवं 68 वाटर टैंकों पर कार्य शुरू किया गया है। नामामि गंगे के तहत चिन्हित 29 गांवों में जल संरक्षण के साथ-साथ साॅलिडबेस मैनेजमैन्ट का कार्य भी शुरू किया गया है। उन्होंने सभी से पानी का सदुपयोग करने तथा निरन्त हो रही पानी की बर्वादी को रोकने की अपील की है। मुख्य विकास अधिकारी विनोद गोस्वामी ने पाॅवर प्रजेन्टेशन के माध्यम से जल संचय से संबधित किये जा रहे कार्यो की विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर जल संचय में उत्क्ष्ट कार्य करने पर ग्राम प्रधान मरोड दीपा देवी तथा ग्राम विकास अधिकारी राजेन्द्र सिंह गुसाई तथा परियोजना प्रबन्धक स्वजल केएस रावत, डीडीएम नार्बाड आशीष भण्डारी व मनरेगा कार्मिक रविन्द्र नेगी को सम्मानित किया गया। वही स्कूली छात्राआंें ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी व गोपीनाथ कला मंत्र के कलाकरों द्वारा जल संचय जागरूकता पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्षा मुन्नी देवी शाह, नगर पालिका अध्यक्ष संदीप रावत, बद्री-केदार मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष अनसूया प्रसाद भट्ट, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि सहित मुख्य विकास अधिकारी विनोद गोस्वामी व अन्य जिला स्तरीय अधिकारी, कर्मचारी, स्कूली छात्र-छात्राऐं मौजूद थी। कार्यक्रम का संचालन विष्णुदत्त बैंजवाल द्वारा किया गया। इससे पूर्व जिला मुख्यालय स्थित कुण्ड काॅलोनी के निकट वन चेतना केन्द्र में पद्म विभूषित एवं पर्यावरणविद् चण्डी प्रसाद भट्ट ने वृक्षारोपण किया। उन्होंने कहा कि जल संचय के लिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण किया जाना आवश्यक है। इस अवसर पर जिलाधिकारी अशीष जोशी, मुख्य विकास अधिकारी विनोद गोस्वामी, डीएफओ एसपी सिंह सहित अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों ने भी वृघ्क्षारोपण किया।