शिक्षक संघ ने दी धरना-प्रदर्शन करने की चेतावनी Primary Teachers Association
हल्द्वानी। अगले सप्ताह से वार्षिक परीक्षाओं की तैयारी के बीच प्राथमिक शिक्षक संघ (Primary Teachers Association) ने आंदोलन की चेतावनी दे दी है। पदोन्नति लिस्ट जारी नहीं होने पर 6 मार्च को प्राथमिक शिक्षक संघ ने धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी है। नैनीताल जिले में बीते ढाई साल से प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूल के शिक्षकों की पदोन्नति नहीं हो सकी है। इससे शिक्षकों में नाराजगी है। उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने सोमवार की शाम तक पदोन्नति की सूची जारी करने की मांग करने को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक शिक्षा को पत्र भेजा है।
संघ के जिला मंत्री डिकर सिंह पडियार ने कहा कि बीते 6 जनवरी 2018 को संघ के प्रतिनिधिमंडल को जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक शिक्षा ने फरवरी के अंत तक पदोन्नति सूची जारी करने का आश्वासन दिया था। मगर 3 मार्च बीतने के बावजूद पदोन्नति की सूची जारी नहीं हुई है। अब शिक्षकों का समायोजन किया जाने लगा है। इससे शिक्षकों में नाराजगी है। जबकि शिक्षा निदेशक ने पदोन्नति की सूची जारी करने के निर्देश दिए हैं। बताया कि अन्य जिलों में कई बाद पदोन्नति सूची जारी हो चुकी है, जबकि नैनीताल जिले में बीते ढाई साल से पदोन्नति नहीं हो सकी है।
जरा इसे भी पढ़ें : 6000 शिक्षकों की जांच शुरू
भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा ने भी नाराजगी जतायी
डिकर सिंह पडियार ने कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक शिक्षा को 5 मार्च की शाम 5 बजे तक पदोन्नति सूची जारी करने का समय दिया गया है। साथ ही सूची की एक कॉपी संगठन को भी दिए जाने की बात कही है। सूची जारी नहीं होने पर 6 मार्च को शिक्षक संघ जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करेगा। शिक्षकों की पदोन्नति सूची जारी नहीं होने पर भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा ने भी नाराजगी जतायी है।
राम सिंह कैड़ा ने डीएम को पत्र लिखकर कहा है कि वर्तमान में छात्रों का वार्षिक मूल्यांकन होना है, इस कारण इस समय शिक्षकों का समायोजन करना सही नहीं है। विधायक ने जल्द शिक्षकों की पदोन्नति सूची जारी करवाने के लिए कार्रवाई करने के लिए कहा है। Primary Teachers Association के अनुसार जिले में प्राइमरी प्रधानाध्यापकों के करीब 800 पद स्वीकृत हैं।
इसमें से 440 पद करीब खाली हैं। जबकि जूनियर सहायक अध्यापकों के 150 पद और जूनियर हाईस्कूल के प्रधानाध्यापकों करीब 60 पद खाली पड़े हैं। पदोन्नति होने पर इन पदों के भरने से स्कूलों को प्रधानाध्यापक भी मिलेंगे और शिक्षक भी। मगर जिला शिक्षा अधिकारी के पदोन्नति सूची जारी नहीं करने से बच्चों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।