नर्सिंग-पैरामेडिकल संस्थानों की समस्याओं का होगा समाधान : डॉ. धन सिंह रावत

Problems of nursing-paramedical institutions will be solved
कार्यक्रम के दौरान मंत्री धन सिंह रावत।

Problems of nursing-paramedical institutions will be solved

चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन होंगे नर्सिंग, पैरामेडिकल सहित अन्य कॉउंसिल
चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय शीघ्र शुरू करेगा मान्यता संबंधी पोर्टल

देहरादून। Problems of nursing-paramedical institutions will be solved सूबे के निजी नर्सिंग व पैरामेडिकल संस्थानों की मूलभूत समस्याओं का शीघ्र निराकरण किया जायेगा। निजी संस्थानों की सम्बद्धता में पारदर्शिता लाने के लिये चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय शीघ्र ही मान्यता संबंधी पोर्टल शुरू करेगा।

भविष्य में नर्सिंग एवं पैरामेडिकल के छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक प्रमाण पत्र डिजी लॉकर के माध्यम से प्रदान की जायेगी। नर्सिंग काउंसिल ऑफ उत्तराखंड सहित अन्य सभी संबंधित कांउसिल भी चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन लायी जायेंगी।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज राजकीय दून मेडिकल कॉलेज पटेलनगर के सभागार में प्रदेशभर के निजी नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेजों के संचालकों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं को सुना तथा विभिन्न मुद्दो पर विस्तृत चर्चा की।

डा. रावत ने बताया कि प्रदेश के निजी नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेज संचालकों ने अपनी कई मांगे उनके सम्मुख रखी हैं जिनका समाधान शीघ्र किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि निजी संस्थानों की मान्यता संबंधी मामलों में पारदर्शिता लाने के लिये चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय को शीघ्र पोर्टल का निर्माण कर ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था शुरू करने, छात्र-छात्राओं को डिग्रियां डीजी लॉकर के माध्यम से देने, उच्च शिक्षा विभाग की तर्ज पर ई-ग्रंथालय की स्थापना करने तथा वर्तमान में संचालित कोर्सों के अलावा नये सर्टिफिकेट व डिप्लोमा कोर्स शुरू कराने के निर्देश दिये हैं।

इसके अलावा सभी मेडिकल संस्थानों के लिये शैक्षिक कैलेंडर तैयार करने निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सभी नर्सिंग व पैरामेडिकल संस्थानों में भी मेडिकल कॉलेजों की तर्ज पर चरक शपथ दिलाई जायेगी तथा संस्थानों में सुश्रुत, चरक एवं धनवंतरी की मूर्तियां स्थापित की जायेगी।

स्थाई मान्यता के लिये नियमावली तैयार की जायेगी : Dr Dhan Singh Rawat

संस्थान संचालकों की मांग पर उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पैरामेडिकल काउंसिल की तर्ज पर नर्सिंग काउंसिल ऑफ उत्तराखंड सहित अन्य संबंधित सभी काउंसिलों को चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन रखा जायेगा।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि निजी संस्थानों के अनावश्यक निरीक्षण पर रोक लगाई जायेगी तथा पांच साल बाद स्थाई मान्यता के लिये नियमावली तैयार की जायेगी। उन्होंने सभी निजी कॉलेज संचालकों से अपने अपने क्षेत्र में एक-एक गांव गोद लेकर स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन करने तथा सभी ग्रामिणों के हेल्थ आईडी एवं आयुष्मान कार्ड बनाने में सहयोग करने देने का आह्वान किया।

विभागीय मंत्री ने कहा कि भविष्य में मैदानी क्षेत्रों की अपेक्षा पर्वतीय क्षेत्रों में निजी नर्सिंग एवं पैरामेडिकल संस्थान खोलने को प्राथमिकता दी जायेगी।

बैठक में कुलपति हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय प्रो. हेम चन्द्र, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डा. आशुतोष सयाना, कुलसचिव आशीष उनियाल, रजिस्ट्रार नर्सिंग काउंसिल ऑफ उत्तराखंड मनीषा ध्यानी, सीआईएमएस कालेज के चेयरमैन ललित जोशी, राजकुमार शर्मा, संदीप केडिया, जेडीएस वार्ने, अशोक पाल, राजीव सिंह, हरीश अरोड़ा, रजिस्ट्रार उत्तराखंड पैरामेडिकल काउंसिल डा. राजन अरोड़ा सहित प्रदेशभर के निजी नर्सिंग कॉलेज एवं पैरामेडिकल कॉलेज के चेयरमैन एवं निदेशक उपस्थित रहे।

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