Property dealer Bhupendra Pandey murder case
हल्द्वानी। Property dealer Bhupendra Pandey murder case बीते दिवस लेन-देन के विवाद में प्रोपर्टी डीलर की हत्या के विरोध में परिजनों ने लोगों के साथ आज कोतवाली में शव रखकर प्रदर्शन किया और कोतवाल व दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही के साथ ही फरार हत्यारोपी की गिरफ्तारी की मांग की।
घंटों के प्रदर्शन के बाद एसएसपी के कोतवाल को लाईन हाजिर करने, दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही व फरार हत्यारोपी की जल्द गिरफ्तारी के आश्वासन पर मामला शांत हुआ।
बता दें कि काठगोदाम निवासी 50 वर्षीय भूपेंद्र पांडे उर्फ भूप्पी, सिंधी चौराहे में मोबाइल की दुकान चलाने वाले दिनेश सागर व संदीप कुकसाल का दोनहरिया में रहने वाले सौरभ गुप्ता व उसके भाई गौरव गुप्ता से लंबे समय से पैसों के लेन-देन को लेकर विवाद चला आ रहा था।
सप्ताहभर पूर्व भी दिनेश सागर का गौरव व सौरभ से लेन-देन को लेकर विवाद हो गया था। इस मामले में उसने पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया था। रविवार को इस मुकदमे में कार्यवाही के बावत जानने के लिए दिनेश, संदीप व भूपेंद्र भोटिया पड़ाव चौकी गये थे।
आरोपियों के कोर्ट से स्टे लाने के चलते गिरफ्तारी नहीं हो पाई
जहां उन्होंने चौकी प्रभारी प्रताप नगरकोटी के समक्ष अब तक गिरफ्तारी न होने पर नाराजगी जाहिर की थी। चौकी प्रभारी ने उन्हें बताया था कि आरोपियों के कोर्ट से स्टे लाने के चलते गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
इसके बाद सिंधी चैराहे में स्कूटी पर सवार दिनेश व भूपेंद्र पांडे को अपनी दुकान के बाहर खड़े गौरव व सौरभ ने रोक लिया था। इस दौरान दोनों ने लाईसेंसी पिस्टल निकाल कर भूपेंद्र पांडे को गोलियों से छलनी कर दिया था। जिससे उसकी मौत हो गई थी।
इस घटना के विरोध में परिजनों व परिचितों ने घटनास्थल पर ही धरना शुरू कर दिया था। इधर सोमवार को पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया। परिजन आक्रोशित लोगों के साथ मोर्चरी से शव लेकर सीधे कोतवाली पहुंच गये।
जहां उन्होंने पूरे हत्याकांड का ठीकरा पुलिस के सिर फोड़ते हुए कोतवाली परिसर में शव रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। वह कोतवाल विक्रम राठौर के निलंबन, इस मामले में संलिप्त अन्य दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही व फरार हत्यारोपी की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे।
इस दौरान सुमित हृदयेश ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर रोष जाहिर करते हुए कहा कि इस पूरे प्रकरण के लिए पूरी तरह से पुलिस की लचर कार्यप्रणाली जिम्मेदार रही है। उनका कहना था कि आरोपियों के साथ ही इस मामले में कोतवाल समेत इस मामले से संबंध रखने वाले सभी पुलिस कर्मियों के मोबाइल की कॉल रिकार्ड खंगाली जाय और प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाय।
चश्मदीद गवाहों को सुरक्षा मुहैया कराई जाय
सुशील उनियाल ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही के साथ ही इस घटना के चश्मदीद गवाहों को सुरक्षा मुहैया कराई जाय। जिससे गवाहों पर किसी प्रकार के हमले न होने पाए।
करीब ढ़ाई घंटे चले प्रदर्शन के बीच एसएसपी सुनील कुमार मीणा ने आक्रोशित लोगों को कोतवाल राठौर को लाईन हाजिर करने के साथ ही कोतवाल के निलंबन को लेकर डीआईजी से पत्राचार करने, फरार हत्यारोपी की जल्द गिरफ्तारी व पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर इस मामले में दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करने का आश्वासन दिया तब जाकर शव कोतवाली से उठाया गया।
इस दौरान संदीप कुकसाल, दिनेश सागर, अनिल कुमार, त्रिलोक बनौली, जसविंदर भसीन, राजेंद्र बिष्ट, लोकेश नेगी, अब्दुल मतीन सिद्दीकी, अरशद अय्यूब के अलावा मृतक के परिजन व दर्जनों की संख्या में लोग शामिल रहे।
बीते दिवस हुए हत्याकांड के बाद मौके पर ही कोतवाल समेत अन्य दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर घटनास्थल पर ही धरना शुरू कर दिया गया था। बावजूद इसके मौके पर पुलिस अधिकारियों ने कार्यवाही करना मुनासिब नहीं समझा था।
जिसका नतीजा आज कोतवाली में प्रदर्शन के रूप में देखने को मिला। यदि बीते दिवस ही पुलिस के उच्चाधिकारी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इस प्रकार की कार्यवाही कर देते तो शायद आज कोतवाली में प्रदर्शन की नौबत नहीं आती।
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