protect the constitution
एससी, एसटी, ओबीसी और आदिवासियों के अधिकारों पर मंडरा रहा खतरा
नुमाइंदा ग्रुप ऑफ उत्तराखंड के कार्याक्रम में शामिल होने दून पहुंचे थे सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता मेहमूद
देहरादून। protect the constitution देश का संविधान खतरे में है, अगर भारतवासियों ने मिलकर संविधान की रक्षा नही कि तो, यह देश नही बचेगा। उत्तराखंड और मणिपुर सीमावर्ती राज्य हैं, जहां पर दुश्मन देश की भी कड़ी नजर है, इसलिए उत्तराखंड को चीन की गंदी नजरों से बचाने के लिए सभी नागरिकों को एकजुट होकर खड़ा होना होगा।
यह बात सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता मेहमूद प्राचा ने देहरादून में नुमाइंदा ग्रुप ऑफ उत्तराखंड की और से आयोजित ‘जश्न-ए-आजादी-पैगाम-ए-मोहब्बत, देश में भाईचारा व सौहार्द’ विचार गोष्ठी में कही। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान बहुत मजबूत है, आज इसकी उपयोगिता और अधिक बढ़ गई है। संवैधानिक संस्थाओं को जिस प्रकार कमजोर किया जा रहा है, ऐसे हालात में सभी को संविधान पढ़ने और उस पर अमल करने की जरूरत है।
उन्होंने यह भी कहा कि हम खुश किस्मत है कि हमारा जन्म भारत में हुआ है। इस बात पर चिंता जताई कि देश की 75 प्रतिशत संपत्ति पर 1 फीसदी लोगों का कब्जा है, जिसके चलते देश में समानता नहीं आ पा रही है। प्रयाग आईएएस के निदेशक आर.ए.खान, उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि एससी,एसटी, ओबीसी और आदिवासियों के अधिकार आज खतरे में पड़ गए हैं।
महमूद प्राचा ने भाजपा और संघ परिवार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि इनके संबंध दुश्मन देशों के साथ बहुत मजबूत है, तभी तो आए दिन इनके लोग पकड़े जा रहे हैं, जो हमारी खुशियां जानकारी और टेक्नोलॉजी दुश्मन देशों को दे रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि में मुस्लिमों पर होने वाले जुल्म से अधिक देश की अस्मिता को बचाने की जंग लड़ रहा हूं, इसीलिए सरकार के निशाने पर हूं। 80 करोड लोगों को फ्री राशन देने का जश्न मनाया जा रहा है, जबकि दुनिया की पांच में नंबर की ग्रोथ वाले देश में 80 करोड लोगो को अगर 5 किलो राशन पाने के लिए विवश होना पड़ रहा है, तो यह शर्म की बात है।
उत्तराखंड की सीमा से लगे चीन बॉर्डर पर सतर्क रहने और प्रदेशवासियों को चीन की नापाक हरकतों का जवाब देने के लिए हर समय तैयार रहने के लिए भी प्रेरित किया। इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व आईएएस डॉ. रणवीर सिंह ने की।
विशिष्ट अतिथि पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवान, लताफत हुसैन, मुफ्ती रईस अहमद कासमी, रजिया बेग, सलीम चैधरी, मोहम्मद सलीम, पार्षद मुकीम अहमद, जाकिर अंसारी, नसीम अहमद, खुर्शीद अहमद, आसिफ कुरेशी, रज्जाक, मोहम्मद रफी, इरशाद अली, मास्टर अब्दुल सत्तार, तौफीक खान, नासिर खान, असगर अली व डॉ. मुतीउर रहमान आदि मौजूद रहे।
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