देवस्थानम एक्ट के विरोध में मंत्रियों के आवास पर धरना-प्रदर्शन

Protest against Devasthanam Act
धरना-प्रदर्शन करतेे तीर्थपुरोहित।

Protest against Devasthanam Act

देहरादून। Protest against Devasthanam Act देवस्थानम एक्ट के विरोध में चारधाम तीर्थ पुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत ने यमुना कालोनी स्थित मंत्रियों के आवासों पर धरना-प्रदर्शन किया। तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि यदि एक्ट वापस न लिया तो इसके विरोध में प्रदेशभर में आंदोलन शुरू किया जाएगा।

कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के आवास के बाहर तीर्थ पुरोहितों ने अपनी मांग को लेकर जबरदस्त प्रदर्शन किया। इस दौरान तीर्थ पुरोहितों ने शीर्षासन कर विरोध जताया। इस बीच तीर्थ पुरोहितों और मंत्री के बीच नोक-झोंक भी हुई।

उनियाल ने पुरोहितों से कहा कि 30 नवंबर तक एक्ट से संबंधित समस्या का समाधान निकाल लिया जाएगा। उनके आश्वासन के बाद तीर्थ पुरोहितों ने आवास के बाहर अपना प्रदर्शन समाप्त किया।

इसके बाद तीर्थ पुरोहित कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल के आवास के बाहर पहुंचे और धरने पर बैठ गए। तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने भी मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया है। महापंचायत के प्रवक्ता डॉ बृजेश सती ने कहा कि 27 नवंबर को चारधाम महापंचायत काला दिवस मनाएगी।

इसके अलावा गांधी पार्क से सचिवालय तक आक्रोश रैली निकाली जाएगी। धामों के कपाट शीतकाल में बंद होने के बाद चारधाम तीर्थपुरोहित और हक हकूकधारी महापंचायत आंदोलन को गति देगी।

सरकार दो वर्षों से चारधाम तीर्थ पुरोहितों को केवल गुमराह करने में लगी

महापंचायत अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल ने कहा कि सरकार दो वर्षों से चारधाम तीर्थ पुरोहितों को केवल गुमराह करने में लगी है। सात माह पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा बोर्ड को भंग करने की घोषणा के बाद भी सरकार ने इस संबंध में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाया है।

जब मुख्यमंत्री द्वारा बोर्ड को भंग करने की घोषणा कर दी गई थी तो हाई पावर कमेटी का गठन क्यों किया गया जबकि चारों धामों के तीर्थपुरोहित एक स्वर में देवस्थानम बोर्ड भंग करने की मांग कर रहे हैं। वहीं, धर्मनगरी के साधु संत देवस्थानम बोर्ड को रद्द करने के लिए एकजुट होने लगे हैं।

संतों का कहना है कि सरकार को इस मामले में जल्द से जल्द निर्णय लेकर ब्राह्मणों, साधु संतों के अंदर पनप रहे विरोध को समाप्त करना होगा। संतों का कहना है कि वह पूरी तरह से देवभूमि के ब्राह्मण समाज के साथ है।

उनका कहना है कि सरकार को देवस्थानम बोर्ड भंग करना चाहिए। यदि सरकार बोर्ड भंग नहीं करती है तो आने वाले चुनाव में उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इसके साथ ही संतों को भी तीर्थ पुरोहितों के समर्थन में आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

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