जनता परेशान, सरकार नाकाम-रोजगार दो, राहत दो!

Public upset government failed

Public upset government failed

रोजगार दो, राहत दो नारे के साथ राज्य भर में लोगों ने दिया धरना
जनहित के मुद्दों पर एक होकर लड़ाई लड़ेगा विपक्ष

देहरादून। Public upset government failed जन हस्तक्षेप के बैनर तले ‘जनता परेशान, सरकार नाकाम-रोजगार दो, राहत दो! नारे के साथ राज्य भर में लोगों ने धरना दिया। महामारी को ध्यान में रखते हुए लोग छोटे-छोटे समूहों में अलग-अलग जगहों में बैठे। पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट से ले कर देहरादून के मजदूर बस्तियों तक, लोगों ने आवाज उठाई।

देहरादून, टिहरी गढ़वाल, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, नैनीताल, चमोली और अन्य जिलों में लोगों ने धरना दिया। राज्य की राजधानी देहरादून के अंदर ही बीस से ज्यादा जगहों में लोगों ने धरना दिया।

पेट्रोल, डीजल, बिजली-तेल सबके दाम बढ़ने के बारे में लोगों ने केंद्र और राज्य सरकार पर आलोचना करते हुए कहा कि इस संकट काल में दोनों सरकारें अपना राजस्व वसूली में एक भी पैसे कम करने के लिए तैयार नहीं दिख रही हैं।

सितम्बर 2019 में दिया गया कॉर्पोरेट कर छूट को वापस लेने के बजाय पेट्रोल और डीजल पर करों को बढ़़ा कर आम लोगों से राजस्व वसूली की जा रही है। धरना में शामिल होते हुए देहरादून के मजदूरों ने कर्मकार कल्याण बोर्ड में हो रहे|

घोटाले और सियासी झगड़ों को मजदूरों के कानूनी हकों पर अत्याचार बताया। मलिन बस्ती के निवासियों के लिए स्थायी व्यवस्था बनाने की मांग भी की गई।

इन मांगों पर उठाई आवाज

देहरादून। धरने के दौरान इन मांगों को उठाया गया, सबको मुफ्त राशन दिया जाये, चाहे उनका राशन कार्ड ऑनलाइन हो या न हो, पुराना हो, या किसी और राज्य का हो। हर गरीब परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए। पानी-बिजली के बिलों, स्कूल फीस में छूट दी जाये। मनरेगा को 200 दिन किया जाये और शहरों में भी रोजगार गारंटी लागू किया जाए।

धरने में यह रहे शामिल

देहरादून। जन हस्तक्षेप की ओर से आयोजित प्रदेशव्यापी धरनें में राजनैतिक दलों की और से
पूर्व पीसीसी अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव समर भंडारी, सपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सत्यनारायण सचान, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के गढ़वाल सविव इंद्रेश मैखुरी, तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश संयोजक राकेश पंत व जन संगठनों की और से उत्तराखंड लोक वाहिनी, उत्तराखंड महिला मंच, चेतना आंदोलन, जन संवाद समिति, वन अधिकार आंदोलन,उत्तराखंड विमर्श, परिवर्तनकामी छात्र संगठन,हिमालय बचाओ आंदोलन,गंगा बचाओ आंदोलन,उत्तराखंड संयुक्त संघर्ष समिति,जिला चाय बागान मजदूर सभा,नौजवान भारत सभा, युगवाणी देहरादून व पीपल्स फोरम उत्तराखंड शामिल रही।

जरा इसे भी पढ़े

देवस्थानम बोर्ड पर सरकार लगातार झूठ बोल रही : धस्माना
कोविड की फर्जी रिपोर्ट प्रस्तुत करने वालों पर होगी सख्त कार्यवाही
मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना का हुआ शुभारम्भ