Rangers of Uttarakhand Forest Department
पेड़ कटवाने के बाद उसके अवशेष भी अपने साथ ले जा रहे
देहरादून। Rangers of Uttarakhand Forest Department उत्तराखण्ड वन विभाग के अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक आये दिन किसी न किसी मुद्दे या भ्रष्टाचार को लेकर विवादो में घिरे रहते है, चाहे वह रिश्वत लेने का मामला हो या फिर वन विभाग की भूमि कब्जाने का मामला हो।
लेकिन फिर भी उत्तराखण्ड वन विभाग में भ्रष्टाचार रूकने का नाम नहीं ले रहा, इसके उलट भ्रष्टाचार और तेजी से बढ़ता जा रहा है।
इसी तरह का एक नया मामला सामने आ रहा है कि वन विभाग में कुछ ऐसे रेंजर्स है जो बिना परमिट के फलदार पेड़ कटवाने का ठेका ले रहे हैं। सुत्रों की माने तो यह रेंजर्स प्रति पेड़ 5 हजार से 7 हजार रूपये लेते हैं।
पेड़ कटवाने के बाद भूमि स्वामी को पेड़ के अवशेष भी साफ करने की जरूरत नहीं, क्योंकि वन विभाग के यह रेंजर्स पेड़ कटवाने के बाद उसके अवशेष भी अपने साथ लेकर चले जाते हैं।
इसे कहते हैं ‘‘आम के आम गुठलियों के दाम’’ यानि पेड़ कटवाने के भी पैसे ले लेते हैं और पेड़ को बेचने का भी मुनाफा कमा लेते है।
आये दिन वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की भ्रष्टाचार में संलिप्ता उजागर होने के बावजूद भी इनमें सरकार का जरा भी खौफ नहीं है और धड़ल्ले से भ्रष्टाचार व रिश्वतखोरी को अंजाम दे रहे हैं।
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